ब्लैक होल (Black Holes) घने खगोलीय पिंड होते हैं, जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि कुछ भी खुद में समेट लेते हैं, यहां तक कि प्रकाश भी, इससे बच नहीं सकता है. जो कुछ भी ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव की सीमा को पार करेगा, वह ब्लैक होल में गिर जाएगा. इस गहरे, घने गड्ढे के अंदर, इसे फिर कभी नहीं देखा जा सकेगा.
ब्लैक होल ब्रह्मांड में यहां-वहां फैले रहते हैं. हमारी आकाशगंगा जैसी आकाशगंगाओं में कुछ छोटे ब्लैक होल बेतरतीब ढंग से बिखरे हुए हैं. अन्य विशाल ब्लैक होल, जिन्हें ‘‘सुपरमैसिव'' ब्लैक होल कहा जाता है, आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित हैं. इनका वजन हमारे सूर्य के द्रव्यमान से दस लाख से एक अरब गुना तक हो सकता है.
तो आप सोच रहे होंगे: खगोलशास्त्री संभवतः इतनी अंधेरी और इतनी बड़ी चीज़ कैसे देख सकते हैं? मैं एक खगोलशास्त्री हूं जो हमारे ब्रह्मांड में बने पहले सुपरमैसिव ब्लैक होल का अध्ययन करता है. मैं यह समझना चाहता हूं कि ब्लैक होल कैसे बनते हैं और वे किस प्रकार के खगोलीय माहौल में विकसित होते हैं.
ब्लैक होल के प्रकारआइए बात करें कि ब्लैक होल अपना जीवन कैसे शुरू करते हैं. दो प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, अल्बर्ट आइंस्टीन और कार्ल श्वार्ज़चाइल्ड ने सबसे पहले ब्लैक होल का विचार प्रस्तुत किया था. उन्होंने सोचा कि जब कोई बड़ा तारा मरता है, तो उसका कोर तब तक सिकुड़ता रहेगा जब तक कि वह अपने ही वजन से ढह न जाए. इसे हम खगोलशास्त्री ‘‘तारकीय द्रव्यमान ब्लैक होल'' कहते हैं, जो यह कहने का एक और तरीका है कि यह तुलनात्मक रूप से बहुत छोटा है.
तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल हमारे सूर्य से केवल कुछ गुना बड़े होते हैं. हालांकि, सुपरमैसिव ब्लैक होल एक रहस्य से अधिक हैं. वे हमारे सूर्य से कई लाख गुना भारी हैं. कुछ वैज्ञानिक सोचते हैं कि महाविशाल ब्लैक होल कई तारों के एक साथ टकराने और ढहने से बनते हैं, जबकि अन्य सोचते हैं कि वे कई अरब साल पहले ही बढ़ना शुरू हो गए होंगे.
बढ़ते ब्लैक होलब्लैक होल कैसा दिखता है? अधिकांश समय, वे सक्रिय रूप से विकसित नहीं होते हैं, इसलिए वे अदृश्य होते हैं. लेकिन हम बता सकते हैं कि वे वहां हैं क्योंकि तारे अभी भी उनके चारों ओर परिक्रमा कर सकते हैं, जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है.
जब कोई चीज़ तेज़ गति से किसी अदृश्य वस्तु की परिक्रमा कर रही होती है, तो वैज्ञानिकों को पता चलता है कि बीच में एक विशाल ब्लैक होल होना चाहिए. यह हमारे सबसे निकटतम सुपरमैसिव ब्लैक होल का मामला है, जो आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है - आपसे सुरक्षित रूप से लाखों मील दूर.
इस बीच, जब एक भूखा ब्लैक होल किसी आकाशगंगा में गैस खा रहा होता है, तो वह उस गैस को तब तक गर्म करता है जब तक कि आप ब्लैक होल के चारों ओर एक्स-रे, ऑप्टिकल लाइट और इंफ्रारेड लाइट का एक चमकता छल्ला नहीं देख लेते. एक बार जब इसका सारा ईंधन ख़त्म हो जाता है, तो प्रकाश एक बार फिर ख़त्म हो जाता है और यह अदृश्य हो जाता है.
ब्लैक होल के चारों ओर की रूपरेखासबसे प्रसिद्ध ‘‘सफ़ेद बाहरी रेखा'' में से एक फिल्म ‘‘इंटरस्टेलर'' में दर्शाई गई ब्लैक होल की छवि है. उस फिल्म में, वे गैसों के सफेद-गर्म, चमकते छल्ले को दिखाने की कोशिश कर रहे थे जो सक्रिय रूप से बढ़ते ब्लैक होल में गिर रहे हैं.
असल जिंदगी में हमें इन्हें इतना नजदीक से देखने का मौका नहीं मिलता. वास्तविक ब्लैक होल के चारों ओर रिंग की सबसे अच्छी छवि इवेंट होरिजन टेलीस्कोप से आती है, जो वैज्ञानिकों को एम87 नामक आकाशगंगा के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल दिखाती है. यह आपको धुंधला लग सकता है, लेकिन यह डोनट वास्तव में अब तक किसी दूर से ली गई सबसे स्पष्ट छवि है.
ब्रह्माण्ड में अनेक प्रकार के ब्लैक होल हैं. कुछ छोटे और अदृश्य होते हैं, और कुछ आकाशगंगा के अंदर कुछ कुछ खाते हुए चमकते हुए विशाल आकार में विकसित हो जाते हैं. लेकिन चिंता न करें, ब्लैक होल ब्रह्मांड में हर चीज को ऐसे ही नहीं सोख सकते - अंततः ब्लैक होल के करीब कुछ भी नहीं होगा, जो उसमें गिर सके, और यह फिर से अदृश्य हो जाएगा.
(Author: Jaclyn Champagne JASPER Postdoctoral Researcher, University of Arizona)
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