विज्ञापन
This Article is From Oct 05, 2022

छात्रों ने कम नंबर मिलने पर प्रोफेसर के खिलाफ डाली याचिका, यूनिवर्सिटी ने 84 वर्षीय अमेरिकी प्रोफेसर को निकाला

भारत में गुरुओं को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है, लेकिन अमेरिका में गुरुओं को लेकर शिष्यों का एक अलग ही रवैया देखने को मिल रहा है. अमेरिका में 82 छात्रों के एक ग्रुप ने अपने ही प्रोफेसर के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. इस याचिका के पीछे की वजह सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.

छात्रों ने कम नंबर मिलने पर प्रोफेसर के खिलाफ डाली याचिका, यूनिवर्सिटी ने 84 वर्षीय अमेरिकी प्रोफेसर को निकाला

कहते हैं कि जीवन में गुरु का होना बेहद जरूरी है. गुरु ही है जो सफलता के आड़े आ रहे अंधकार को छांटकर रोशनी का मार्ग दिखाता है. भारत में गुरुओं को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है. कहते हैं कि शिक्षक का सम्मान करना और उनकी हर एक अज्ञा का पालन करने के लिए छात्र को हमेशा तत्पर रहना चाहिए, लेकिन कई बार गुरुओं को लेकर शिष्यों का एक अलग ही रवैया देखने को मिलता है. अब हाल ही में इंटरनेट पर वायरल हो रहे अमेरिका के इस मामले को ही ले लीजिए, जहां 82 छात्रों के एक ग्रुप ने अपने ही प्रोफेसर के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. इस याचिका के पीछे की वजह सुनकर आप भी अपना सिर पकड़ लेंगे.

मैटलैंड जोन्स (Maitland Jones) कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) का एक जाना-माना नाम है, जिन्होंने इस विषय पर एक अहम टैक्स्ट बुक भी लिखी है. ज्यादातर फैकल्टी मेंबर्स और छात्र उनका काफी सम्मान भी करते हैं, लेकिन हाल ही में उनके एक काम से उन्हीं के कुछ छात्र नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते छात्रों के एक ग्रुप ने कार्बनिक रसायन विज्ञान के प्रसिद्ध प्रोफेसर मैटलैंड जोन्स के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. याचिका के पीछे की वजह प्रोफेसर मैटलैंड जोन्स द्वारा छात्रों को कम मार्क्स दिया जाना बताया जा रहा है. 

यहां देखें पोस्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि हम कम नंबर मिलने से बहुत चिंतित हैं. इससे हमारा मनोबल टूटा है. साथ ही पढ़ाई करने में लगाई मेहनत भी बर्बाद हो गई. इसमें आगे लिखा गया है कि. हम आपको (मैटलैंड जोन्स) को महसूस कराना चाहते हैं कि अधिक नंबर लाने वाले और कम मार्क्स वाले छात्रों की बीच कोई भेदभाव ना करें.

इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि, मिस्टर जोन्स ने मिडटर्म परीक्षाओं की संख्या को तीन से घटाकर दो कर दिया. उन्होंने अतिरिक्त क्रेडिट देने की कोशिश नहीं की. वहीं, कोविड -19 से पीड़ित छात्रों के लेक्चर अटेंड करने के लिए कोई जूम एक्सेस नहीं दिया. इस बीच NYT ने परेशान छात्रों को शांत करने की कोशिश की. जोन्स को एक ईमेल में बताया गया था कि, विभाग छात्रों और ट्यूशन बिलों का भुगतान करने वालों के लिए उचित कदम उठाएगा.

वहीं, जोन्स का विभाग भी इस खबर से खुश नहीं है और वे इसका विरोध कर रहे हैं. लेखक और एनवाईयू प्रोफेसर एलिजाबेथ स्पियर्स ने ट्वीट करते हुए कहा कि, निजी शिक्षा बेहद महंगी हो गई है. इसके साथ ही जोन्स का बचाव करते हुए उनके सहयोगियों ने कहा कि, उन्होंने कोविड -19 से जूझ रहे छात्रों को समर्थन की पेशकश की थी. 

NYT की रिपोर्ट में कहा गया है कि, जोन्स ने अपने लेक्चर के वीडियो बनाने के लिए व्यक्तिगत रूप से $5000 खर्च किए. वहीं, मिस्टर जोन्स का कहना है कि मैं नौकरी फिर से ज्वाइन नहीं करना चाहता हूं. मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ऐसा किसी और के साथ न हो.
 

* ""जापान पर भी चला Katrina Kaif का 'जादू'! 'काला चश्मा' पर लड़कियों ने ऐसे लहराई कमर देखते रह गए लोग
* 'स्कॉटलैंड और भारत के इस म्यूजिक मैशअप पर विदेशी दूल्हे संग देसी दुल्हन ने मारी एंट्री, देखते रह गए घराती-बाराती
* "न्यूयॉर्क में नियॉन जंपसूट पहनी महिलाओं के गुट का आतंक, मेट्रो में यात्रियों से मारपीट कर लूटा

देखें वीडियो- ऋचा चड्ढा और अली फजल रिसेप्शन : ऋतिक रोशन-सबा आजाद, तापसी पन्नू सहित सेलेब्स पहुंचे

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com