कहते हैं कि जीवन में गुरु का होना बेहद जरूरी है. गुरु ही है जो सफलता के आड़े आ रहे अंधकार को छांटकर रोशनी का मार्ग दिखाता है. भारत में गुरुओं को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है. कहते हैं कि शिक्षक का सम्मान करना और उनकी हर एक अज्ञा का पालन करने के लिए छात्र को हमेशा तत्पर रहना चाहिए, लेकिन कई बार गुरुओं को लेकर शिष्यों का एक अलग ही रवैया देखने को मिलता है. अब हाल ही में इंटरनेट पर वायरल हो रहे अमेरिका के इस मामले को ही ले लीजिए, जहां 82 छात्रों के एक ग्रुप ने अपने ही प्रोफेसर के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. इस याचिका के पीछे की वजह सुनकर आप भी अपना सिर पकड़ लेंगे.
मैटलैंड जोन्स (Maitland Jones) कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) का एक जाना-माना नाम है, जिन्होंने इस विषय पर एक अहम टैक्स्ट बुक भी लिखी है. ज्यादातर फैकल्टी मेंबर्स और छात्र उनका काफी सम्मान भी करते हैं, लेकिन हाल ही में उनके एक काम से उन्हीं के कुछ छात्र नाराज चल रहे हैं, जिसके चलते छात्रों के एक ग्रुप ने कार्बनिक रसायन विज्ञान के प्रसिद्ध प्रोफेसर मैटलैंड जोन्स के खिलाफ एक याचिका दायर कर दी. याचिका के पीछे की वजह प्रोफेसर मैटलैंड जोन्स द्वारा छात्रों को कम मार्क्स दिया जाना बताया जा रहा है.
यहां देखें पोस्ट
I teach at NYU and don't think this guy should have been fired. One of many problems with insanely expensive private education is that institutions have an incentive to treat the student as customer and not student who needs to learn certain things. https://t.co/sUfwusLCgG
— Elizabeth Spiers (@espiers) October 3, 2022
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि हम कम नंबर मिलने से बहुत चिंतित हैं. इससे हमारा मनोबल टूटा है. साथ ही पढ़ाई करने में लगाई मेहनत भी बर्बाद हो गई. इसमें आगे लिखा गया है कि. हम आपको (मैटलैंड जोन्स) को महसूस कराना चाहते हैं कि अधिक नंबर लाने वाले और कम मार्क्स वाले छात्रों की बीच कोई भेदभाव ना करें.
इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि, मिस्टर जोन्स ने मिडटर्म परीक्षाओं की संख्या को तीन से घटाकर दो कर दिया. उन्होंने अतिरिक्त क्रेडिट देने की कोशिश नहीं की. वहीं, कोविड -19 से पीड़ित छात्रों के लेक्चर अटेंड करने के लिए कोई जूम एक्सेस नहीं दिया. इस बीच NYT ने परेशान छात्रों को शांत करने की कोशिश की. जोन्स को एक ईमेल में बताया गया था कि, विभाग छात्रों और ट्यूशन बिलों का भुगतान करने वालों के लिए उचित कदम उठाएगा.
वहीं, जोन्स का विभाग भी इस खबर से खुश नहीं है और वे इसका विरोध कर रहे हैं. लेखक और एनवाईयू प्रोफेसर एलिजाबेथ स्पियर्स ने ट्वीट करते हुए कहा कि, निजी शिक्षा बेहद महंगी हो गई है. इसके साथ ही जोन्स का बचाव करते हुए उनके सहयोगियों ने कहा कि, उन्होंने कोविड -19 से जूझ रहे छात्रों को समर्थन की पेशकश की थी.
NYT की रिपोर्ट में कहा गया है कि, जोन्स ने अपने लेक्चर के वीडियो बनाने के लिए व्यक्तिगत रूप से $5000 खर्च किए. वहीं, मिस्टर जोन्स का कहना है कि मैं नौकरी फिर से ज्वाइन नहीं करना चाहता हूं. मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि ऐसा किसी और के साथ न हो.
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