आज के समय में पर्यावरण एक बहुत बड़ी चुनौती है. शहर हो या महानगर, हर जगह प्रदूषण बढ़ रहे हैं. देखा जाए तो कंस्ट्रक्शन के कारण बहुत ही ज्यादा प्रदूषण फैल रहे हैं. कहा जा सकता है कि कंस्ट्रक्शन के कारण पर्यावरण को बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है. इसी समस्या का हल एक कंपनी लेकर आई है. कपनी दावा कर रही है कि निर्माण सेक्टर से पर्यावरण को नुकसान नहीं बल्कि उल्टा फायदा होगा. नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज की सीमेंट बनाने वाली कंपनी नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्री ने हरे सीमेंट का निर्माण किया है. नवरत्न ग्रीन क्रीट ( Green Cement) एक ऐसा ही आविष्कार है जो क्रीट बनाने के लिए कबाड़ या कचरे का इस्तेमाल करता है. महत्वपूर्ण यह है कि लैंडफिल्स की संख्या घट रहा है और प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या के लिए भी.
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इस खोज पर नवरत्न ग्रुप के चेयरमैन हिमांश वर्मा ने बताते हैं कि ग्रीन सीमेंट उनकी बड़ी खोज है. ग्रीन सीमेंट निर्माण के क्षेत्र में एक नई दिशा देने का काम करेगा. प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी और बिना परेशानी के काम भी होगा. वो बताते हैं कि सीमेंट उद्योग के लिए "लाल" श्रेणी की छाया से बाहर आने का समय है, क्योंकि प्रदूषण में इसके योगदान के कारण वातावरण में कुल कार्बन उत्सर्जन का 8% हिस्सा है.
दुनिया भर में लगातार बढ़ती आबादी के साथ टाउनशिप, वाणिज्यिक केंद्र और अन्य सुविधाओं के निर्माण की आवश्यकता भी कई गुना बढ़ रही है जिसने निर्माण में "सर्वश्रेष्ठ माध्यम" का चयन करना और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है जो "हरित और स्वच्छ कल" बनाने में मदद करता है. दूरदर्शी होने के नाते वर्मा अपने समय से आगे की सोचते हैं और निर्माण के लिए सही विकल्प के साथ आने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को शामिल किया है. कंपनी के अनुसंधान और विकास विंग ने ग्रीन क्रेते का एक अभिनव सूत्र बनाने के लिए लगातार काम किया है जो निर्विवाद रूप से सही निर्माण सामग्री है. यह पुन: उपयोग किए गए पदार्थ का उपयोग करके निर्मित होता है जिसमें फ्लाई ऐश और दानेदार स्लैग शामिल होते हैं। वर्मा कहते हैं यह पारंपरिक सीमेंट की तुलना में कठिन, लागत प्रभावी, लंबे समय तक चलने वाला और निर्विवाद एक बुद्धिमान विकल्प है।
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