
Strawberry Moon 2025: आकाशदर्शियों के लिए 11 जून 2025 की रात बेहद खास होने वाली है. इस दिन आसमान में साल की सबसे रहस्यमयी और खूबसूरत खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. जून माह की आखिरी पूर्णिमा के दिन रात में स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) दिखेगा. बता दें कि इस साल यह एक माइक्रो मून भी होगा, जो पृथ्वी से थोड़ा अधिक दूर होने के कारण सामान्य से थोड़ा छोटा और धुंधला भी दिखाई देगा. आइए जानते है जून की यह आखिरी पूर्णिमा कब और कहां देख सकेंगे?

कैसे मिला 'स्ट्रॉबेरी मून' नाम? (strawberry moon date and time)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस बार का स्ट्रॉबेरी मून सिर्फ नाम या रंग की वजह से नहीं, बल्कि इसके 'माइक्रो मून' और 'मेजर लूनर स्टैंडस्टिल' की वजह से भी बेहद खास है. हालांकि, इसका रंग स्ट्रॉबेरी जैसा नहीं होता, लेकिन इसका नाम अमेरिकी आदिवासी परंपराओं से जुड़ा है, जहां जून में स्ट्रॉबेरी की कटाई की शुरुआत इसी पूर्णिमा के बाद होती थी. इस वर्ष चंद्रमा पृथ्वी से सबसे अधिक दूरी पर होगा, जिसके कारण यह सामान्य से छोटा और नीचा दिखेगा. यह स्थिति हर 18.6 साल में एक बार आती है और अगली बार ऐसा चांद 2043 में ही नजर आएगा, यानी यह मौका आपके लिए एक दुर्लभ अनुभव हो सकता है.

कहां से दिखाई देगा दिलकश नजारा (Lunar Standstill 2025)
इस साल का जून फुल मून इसलिए भी खास है, क्योंकि यह मेजर लूनर स्टैंडस्टिल की स्थिति में होगा. इस खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा के चरम झुकाव पर होता है, जिससे वह आकाश में सामान्य से बेहद नीचा नजर आता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस घटना के कारण चंद्रमा की रोशनी में एक सुनहरी, गर्म चमक देखने को मिल सकती है. भारत में स्ट्रॉबेरी मून को 11 जून की शाम सूर्यास्त के बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में देखा जा सकता है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे शहरों में यह दृश्य रात 7 बजे के बाद दिखाई देगा.

कब दिखेगा स्ट्रॉबेरी मून? (how to watch strawberry moon)
स्ट्रॉबेरी मून 11 जून, 2025 को सुबह 03.44 बजे (अमेरिका के समयानुसार) नजर आएगा और भारत में 1:15 बजे से नजर आने लगेगा. अगर आप इस अद्भुत नजारे को अच्छी तरह देखना चाहते हैं, तो शहर की रोशनी से दूर किसी खुले और कम प्रदूषण वाले स्थान पर जाना बेहतर रहेगा. यह चंद्रमा ना सिर्फ रोमांच और खूबसूरती से भरा होगा, बल्कि खगोल प्रेमियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर भी है. चंद्रमा को देखने का यह दुर्लभ मौका एक बार फिर 18 साल बाद ही मिलेगा, इसलिए 11 जून की रात को आसमान की ओर जरूर नजर उठाएं.
ये भी पढ़ें:-सांपों का गांव...जहां साथ-साथ रहते हैं इंसान और कोबरा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं