स्टीफन हॉकिंग.
लंदन:
ब्रिटेन के भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग की पीएचडी थीसिस को ऑनलाइन उपलब्ध होने के बाद से कुछ ही दिनों में 20 लाख बार देखा गया है. हॉकिंग ने इस पर वर्ष 1966 में काम किया था. इसे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पिछले ही हफ्ते जारी किया गया है. यह इतनी लोकप्रिय हुई कि पहले ही दिन वेबाइट का पब्लिकेशन सेक्शन ठप पड़ गया.
यह भी पढ़ें : अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी तेज है भारतीय मूल की इस लड़की का दिमाग
'प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपांडिंग यूनिवर्सेस' शीर्षक के इस पेपर को 5,00,000 से ज्यादा लेागों ने डाउनलोड करने का प्रयास किया. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ऑर्थर स्मिथ ने कहा, 'यूनिवर्सिटी के अपोलो संग्रह में यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला दस्तावेज है.' हॉकिंग ने 134 पन्नों का यह दस्तावेज तब लिखा था जब उनकी उम्र 24 वर्ष थी और वह कैम्ब्रिज में स्नातकोत्तर के छात्र थे.
यह भी पढ़ें : ब्रिटेन की 12 साल की बच्ची निकोल बार का IQ स्टीफ़न हॉकिन्ग और आईंस्टीन से ज़्यादा
बीबीसी न्यूज के मुताबिक पीएचडी थीसिस पिछले हफ्ते लाइव आई और तब से इसे करीब बीस लाख बार देश के हर कोने से 8,00,000 ब्राउजरों से देखा गया. इससे पहले हॉकिंग के पीएचडी के पूरे काम को देखने के लिए यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी को 65 पाउंड अदा करने होते थे.
यह भी पढ़ें : अलबर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी तेज है भारतीय मूल की इस लड़की का दिमाग
'प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपांडिंग यूनिवर्सेस' शीर्षक के इस पेपर को 5,00,000 से ज्यादा लेागों ने डाउनलोड करने का प्रयास किया. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ऑर्थर स्मिथ ने कहा, 'यूनिवर्सिटी के अपोलो संग्रह में यह सबसे ज्यादा देखा जाने वाला दस्तावेज है.' हॉकिंग ने 134 पन्नों का यह दस्तावेज तब लिखा था जब उनकी उम्र 24 वर्ष थी और वह कैम्ब्रिज में स्नातकोत्तर के छात्र थे.
यह भी पढ़ें : ब्रिटेन की 12 साल की बच्ची निकोल बार का IQ स्टीफ़न हॉकिन्ग और आईंस्टीन से ज़्यादा
बीबीसी न्यूज के मुताबिक पीएचडी थीसिस पिछले हफ्ते लाइव आई और तब से इसे करीब बीस लाख बार देश के हर कोने से 8,00,000 ब्राउजरों से देखा गया. इससे पहले हॉकिंग के पीएचडी के पूरे काम को देखने के लिए यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी को 65 पाउंड अदा करने होते थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं