Patna:
बिहार में नीतीश सरकार ने अपने एक चुनावी दावे को पूरा किया है। ये वादा है भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के घर में स्कूल खोलने का। गुरुवार को पटना में आईएएस अधिकारी एसएस वर्मा के घर में महादलित समुदाय के बच्चों के लिए प्राथमिक स्कूल शुरू किया गया। आईएएस वर्मा पर 1 करोड़ 40 लाख रुपये की अवैध संपत्ति रखने का आरोप है। फिलहाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी संपत्ति सरकार से वापस लेने के लिए अपील की है। आने वाले दिनों में सरकार ने एक के बाद एक इस साल के आखिर तक एक दर्जन भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों के घर में स्कूल खोलने की योजना बनाई है। निलंबित आईएएस एसएस के आलीशान तीन मंजिला मकान में नजारा बदल गया है। वहां अब अधिकारी की नाम की पट्टिका के स्थान पर प्राथमिक विद्यालय का बोर्ड लग गया है और बच्चों का कोलाहल सुनने को मिल रहा है। पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने 4 सितंबर को वर्मा के मकान को जब्त कर लिया था और राजकीय संपत्ति घोषित करने के बाद इसे मानव संसाधन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया। आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में विशेष न्यायालय ने वर्मा के मकान को जब्त करने का आदेश दिया था, जिस पर पटना हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष सीता देवी ने इस प्राथमिक विद्यालय का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2010 में बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान कहा था कि भ्रष्ट अधिकारियों के मकान को जब्त कर उसमें सरकारी स्कूल खोले जाएंगे।(इनपुट भाषा से भी)
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