
कई लोग इस दुनिया में इतिहास (Trending News) रचने आते हैं. Beno Zephine ऐसे ही लोगों में से एक हैं. नेत्रहीन (Blind IFS Officer) होने के बावजूद इन्होंने इतिहास रच दिया है. देश में पहली नेत्रहीन आईएफएस अधिकारी बनकर इन्होंने साबित कर दिया कि शारीरिक असक्षमता होने के बावजूद आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है. अधिकारी बनने में इनकी मेहनत के अलावा इनके माता-पिता ने बहुत मेहनत की है.
बेनो जेफिन पूर्ण रूप से नेत्रहीन हैं. इसके बावजूद साल 2014 में यूपीएससी की परीक्षा में 343वीं रैंक हासिल कर एक इंडियन फॉरेन सर्विस अधिकारी बनकर असंभव को संभव कर दिखाया. बेनो चेन्नई की रहने वाली हैं. इनके पिता एक रेलवे कर्मचारी हैं और माता सफल गृहणी. दृष्टिहीन होने के बावजूद बेनो पढ़ती रहीं और दूसरों के लिए उदारण बनने का काम किया है.
स्कूल के दिनों से ही बेनो ने सिविल सर्विसेज़ में जाने का मन बना लिया था. इस काम में बेनो को उनके माता-पिता ने काफी मदद की. इसके लिए उन्होंने ब्रेल लिपि में लिखी किताबों को पढ़कर अपनी तैयारी की. वहीं बेनो ने इंटरनेट पर अपने सब्जेक्ट्स को सुनकर विषयों के बारे में जाना और समझा. बेनो अगर आज इतिहास रच पाई हैं तो इसका सबसे पहला श्रेय उनके माता पिता को जाता है. बेनो आज कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं.
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