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भारत-पाक जंग के बीच हैदराबाद में 'कराची बेकरी' के नाम पर बवाल, मालिक बोले- ये पाकिस्तानी ब्रांड नहीं है...

एक तरफ भारत-पाक के बीच बॉर्डर पर जंग छिड़ी हुई है और दूसरी तरफ हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर बवाल हो गया है.

भारत-पाक जंग के बीच हैदराबाद में 'कराची बेकरी' के नाम पर बवाल, मालिक बोले- ये पाकिस्तानी ब्रांड नहीं है...
भारत-पाक जंग के बीच हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर बवाल

जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में आतंकी हमले (Terrorist Attack) के बाद से भारत-पाक के बीच तनाव की स्थिति है. वहीं, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान लगातार भारत पर हमला कर रहा है. इस बीच हैदराबाद स्थित कराची बेकरी (Hyderabad-based Karachi Bakery) को 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद विरोध और आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक्टिविस्ट ग्रुप को बेकरी के एक आउटलेट पर धावा बोलते हुए तथा उसका नाम बदलने की मांग करते हुए देखा जा रहा है. इनका कहना है कि किसी भारतीय दुकान का नाम पाकिस्तान के किसी शहर के नाम पर नहीं रखा जाना चाहिए. इस हंगामे के बाद बेकरी के मालिकों ने स्टोर के नाम के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है.

कराची बेकरी पर बवाल (Karachi Bakery Not a Pakistani brand)
मालिक राजेश और हरीश रामनानी ने पीटीआई को बताया, कि यह बेकरी उनके दादा खानचंद रामनानी ने साल 1953 खोली थी, जब वे 1947 के विभाजन के दौरान भारत चले आये थे. उन्होंने बताया, '73 साल हो गए हैं, हमारे दादाजी ने इसका नाम कराची के नाम पर रखा था, क्योंकि वे विभाजन के बाद भारत आ गए थे. उन्होंने आगे कहा, 'हम मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और प्रशासन के सीनियर अफसरों से अनुरोध करते हैं कि वे नाम में किसी भी तरह के बदलाव को रोकने में सहयोग करें, लोग पूरे शहर में बेकरी की दुकानों पर तिरंगा लगा रहे हैं, कृपया हमें सपोर्ट करें क्योंकि हम एक भारतीय ब्रांड हैं, पाकिस्तानी ब्रांड नहीं.

लोगों का मिल रहा सपोर्ट (Karachi Bakery Defends Its Name)

कराची बेकरी के मालिकों को लोगों का सपोर्ट मिल रहा है. इस पर एक ने लिखा है, 'कराची बेकरी के मालिक सिंधी हैं, जो विभाजन के बाद कराची से इंडिया आए थे, कृपया उन्हें परेशान ना करें'. दूसरे यूजर ने लिखा है, 'यह एक तरह की वाहियात हरकत है, सिंधी और पारसी विभाजन के बाद भारत आए थे, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका सरनेम कराचीवाला है, इसका मतलब यह नहीं कि तुम हमला करोगे'. बता दें, यह पहली बार नहीं है, जब कराची बेकरी को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. साल 2019 में बेंगलुरु के इंदिरा नगर ब्रांच में भी नाम बदलने को लेकर बवाल किया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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