
- हैदराबाद में ज़ोमैटो के डिलीवरी वर्कर खुले नाले में गिर गए, जिससे उनका मोबाइल फोन बह गया
- गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने कंपनी से वर्कर के नुकसान की भरपाई की मांग की
- यूनियन ने वर्कर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और बोनस को पारदर्शी बनाने की अपील की
हैदराबाद में भारी बारिश के बीच एक फूड डिलीवरी वर्कर के साथ हुई दुर्घटना ने कंपनियों की कार्यशैली और डिलीवरी वर्कर्स की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दरअसल शनिवार को ज़ोमैटो के ऑर्डर डिलीवर कर रहे सैयद फरहान एक खुले नाले में गिर गए, जिससे उनका मोबाइल फोन बह गया और बाइक में भी काफी नुकसान हुआ. घटना के बाद तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) ने कंपनी से जवाबदेही की मांग की है.
यूनियन ने की क्या मांग
यूनियन प्रमुख शेख सलाउद्दीन ने कहा, “यह महज कोई हादसा नहीं है, बल्कि उन नीतियों का नतीजा है जो कि मुनाफे को वर्कर्स की सुरक्षा से ऊपर रखती हैं. भले ही फरहान की जान बच गई, लेकिन अगली बार कोई और वर्कर इतना भाग्यशाली नहीं हो सकता.” सलाउद्दीन ने कंपनी से मांग की कि फरहान का फोन बदला जाए और उनकी बाइक की मरम्मत कराई जाए और डिलीवरी से हुए नुकसान की भरपाई की जाए. ₹10 या ₹15 के रेन बोनस से वर्कर्स की जान की कीमत को नहीं आंका जा सकता.
- गिग वर्कर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए
- बारिश और सर्ज बोनस को उचित और पारदर्शी बनाया जाए
- रियल-टाइम मौसम डेटा शेयर किया जाए ताकि वर्कर्स निर्णय ले सकें
- TGPWU ने ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से की अपील
- उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करें जो डिलीवरी को मजबूर करती है
- GHMC ने पहले ही कंपनियों को चेतावनी दी थी
- यूनियन का कहना है कि इन चेतावनियों को नजरअंदाज किया जा रहा है
चेतावनियों की अनदेखी
टीजीपीडब्ल्यूयू ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) से डिलीवरी कर्मचारियों की जान जोखिम में डालने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है. इसके साथ ही सलाउद्दीन ने कहा कि नगर निकाय पहले ही एग्रीगेटर कंपनियों को खराब मौसम में राइडर्स को बाहर भेजने के खतरों के बारे में सलाह जारी कर चुका है, लेकिन इन चेतावनियों की लगातार अनदेखी की जा रही है.
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