इस धरती पर रहने वाले सभी इंसान हैं. हिन्दू हो या मुस्लिम, सभी एक हैं. यूं तो कई ऐसे लोग हैं जो अपने फायदों के लिए दोनों धर्मों के बीच विवाद और आपसी वैमनस्य फैला रहे हैं, मगर कुछ लोग हैं, जो भाईचारे को जिंदा रख रहे हैं. एक ऐसा ही मामला बिहार में देखने को मिला है. यहां एक मुस्लिम परिवार ने एक हिंदू बुजुर्ग का अंतिम संस्कार (muslim family performed last rites) कर साबित किया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी पटना में मो. रिजवान की दुकान पर मृतक रामदेव साह पिछले 25 साल से काम कर रहे थे. रिजवान के लिए रामदेव बिल्कुल एक परिवार की तरह थे. ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए पूरी फैमिली हिन्दू रीति-रिवाज से मृतक के साथ मौजूद रहें. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है.
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ये ही है मेरे देश की गंगा जमना तहजीब जिसे चन्द पत्रकारों और सत्ता की लालसा के लिए फर्जी राष्ट्रवादी नेताओं ने खराब किया है वर्ना मेरे मुल्क जैसा इस दुनिया मे कोई और मुल्क नही है।
— Vikas Bansal (@INCBANSAL) July 3, 2022
बिहार में दिखी इंसानियत की मिसाल, मुस्लिम परिवार ने किया हिंदू बुज़ुर्ग का अंतिम संस्कार pic.twitter.com/vg1nd4gVtR
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें देखा जा सकता है कि कैसे रामदेव के निधन के बाद मो. रिजवान और उनके परिवार हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि अंतिम यात्रा के दौरान राम-नाम सत्य है भी बोल रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 वर्ष पहले रामदेव भटकते हुए मो. रिजवान की दुकान पर आए थे. अरमान ने रामदेव को अपनी दुकान पर काम करने के लिए रख लिया था. रामदेव रिजवान की दुकान पर एकाउंट का काम देखते थे. 75 साल की उम्र में उनकी मौत के बाद रिजवान और उनकी फैमिली ने रामदेव का अंतिम संस्कार किया.
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