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बच्चों के लिए सब कुछ चलेगा...परिवार के लिए रोज फ्लाइट से आना-जाना करती हैं ये 'सुपर-मॉम'

नौकरी के लिए रोजाना कई लोग 50-100 किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं, लेकिन भला कोई अपने घर से दफ्तर फ्लाइट से आना-जाना करे तो यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन दुनिया में ऐसे भी लोग हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.

बच्चों के लिए सब कुछ चलेगा...परिवार के लिए रोज फ्लाइट से आना-जाना करती हैं ये 'सुपर-मॉम'
रोज़ाना 350 KM उड़ान भरने वाली 'सुपर मॉम' की कहानी हुई वायरल

Super Mom: नौकरी करने वाली महिलाओं की प्राथमिकता अलग-अलग होती है. कोई अपने बच्चे से दूर हैं, तो कोई दूसरे शहर में नौकरी कर साधन जुटाती हैं, लेकिन भारतीय मूल की एक महिला ऐसी भी हैं, जो अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए रोज 600 किलोमीटर का सफर करती हैं. हम बात कर रहे हैं मलेशिया की एक भारतीय मूल की महिला, राशेल कौर (Racheal Kaur) की, जो इन दिनों इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. उनकी अनोखी दिनचर्या ने उन्हें 'सुपर कम्यूटर' (Super Commuter) का खिताब दिलाया है. राशेल (जो एयरएशिया की फाइनेंस ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में असिस्टेंट मैनेजर हैं) रोज़ाना कई किलोमीटर की हवाई यात्रा कर ऑफिस जाती हैं और फिर घर लौटती हैं. दिलचस्प बात यह है कि यह व्यवस्था उनके लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो रही है.  

परिवार के लिए लिया अनोखा फैसला (indian origin supermom)

राशेल कौर दो बच्चों की मां हैं. बड़ा बेटा 12 साल का है और बेटी 11 साल की. पहले वह अपने ऑफिस के पास कुआलालंपुर में किराए पर रहती थीं और हफ्ते में केवल एक बार घर लौट पाती थीं, लेकिन 2024 में उन्होंने यह तरीका बदल दिया. अब वह हर दिन उड़ान भरकर ऑफिस जाती हैं और रात में अपने परिवार के साथ समय बिताती हैं. राशेल का कहना है, "मेरे बच्चों के बढ़ते हुए इस समय में मां की उपस्थिति बहुत ज़रूरी होती है. अब मैं रोज़ उनके साथ रह सकती हूं और यह मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है."  

यहां देखें पोस्ट

कैसे तय होता है रोज़ का सफर? (rachel kaur travels daily for kids)

सुबह 4:00 बजे राशेल दिन की शुरुआत करती हैं. 5:00 बजे एयरपोर्ट के लिए रवाना होती हैं. 5:55 बजे फ्लाइट पकड़ती हैं. 7:45 बजे कुआलालंपुर पहुंचकर ऑफिस जाती हैं. पूरा दिन ऑफिस में काम करने के बाद, शाम 8:00 बजे फिर फ्लाइट से घर लौटती हैं और अपने बच्चों के साथ समय बिताती हैं.

किराए से सस्ता पड़ता है हवाई सफर (mother flies to work everyday)

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि राशेल के इस अनोखे कम्यूट से उन्हें किराए से भी कम खर्च करना पड़ रहा है. कुआलालंपुर में रहने के दौरान उनके मासिक खर्च 42,000 रुपये ($474) था, जबकि अब 28,000 ($316) में ही उनकी जरूरतें पूरी हो जाती हैं.  

फ्लाइट में मिलता है मी टाइम (who is racheal kaur)

राशेल के लिए यह हवाई यात्रा सिर्फ ऑफिस जाने का साधन नहीं, बल्कि मी टाइम भी है. सफर के दौरान वह खुद से बातें करती हैं, संगीत सुनती हैं और खिड़की से खूबसूरत नज़ारे देखती हैं. यह समय उनके लिए शांति और ताजगी का स्रोत बन गया है.  

वर्क फ्रॉम होम क्यों नहीं? (indian origin in Malaysia)

जब राशेल से पूछा गया कि वह घर से काम क्यों नहीं करतीं, तो उन्होंने बताया कि ऑफिस में काम करना उनके लिए ज्यादा प्रभावी है. उन्होंने कहा, "सहकर्मियों के बीच रहकर काम करना आसान होता है. जब आप आमने-सामने संवाद कर सकते हैं, तो काम जल्दी और बेहतर तरीके से होता है."  

मिली-जुली प्रतिक्रियाएं, लोग हैरान भी, प्रेरित भी..

सोशल मीडिया पर राशेल की कहानी वायरल होने के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग उनकी प्रतिबद्धता की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इस पर हैरान हैं. उन्होंने कहा, "जब मैं अपने बच्चों को देखती हूं, सारी थकान गायब हो जाती है. यह सच में अद्भुत एहसास है." राशेल कौर की यह कहानी दिखाती है कि सही रणनीति और इच्छाशक्ति से कोई भी अपने जीवन और करियर के बीच बेहतरीन संतुलन बना सकता है.

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