राम बाबू (Ram Baboo), एक ऐसे एथलीट हैं, जिनकी कहानी बेहद असाधारण है, जिन्होंने एशियाई खेलों 2023 (Asian Games 2023) में अपनी अविश्वसनीय उपलब्धि से कई लोगों का दिल जीत लिया है और उन्हें प्रेरित किया है. जीवन में बहुत सी मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, राम ने 35 किमी रेस वॉक इवेंट में मिश्रित टीम कांस्य पदक हासिल करने के लिए सभी बाधाओं को पार कर लिया है.
आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान (IFS officer Parveen Kaswan) ने राम बाबू की उल्लेखनीय यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उनकी प्रेरक कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की है. कभी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कार्यकर्ता और वेटर रहे राम बाबू ने सभी बाधाओं को पार करते हुए प्रतिष्ठित एशियाई खेलों में पदक विजेता के रूप में उभरे.
कैप्शन में लिखा है, “वह राम बाबू हैं, जो कभी मनरेगा मजदूर और वेटर के रूप में काम करते थे. आज उन्होंने #AsianGames में 35 किमी रेस वॉक मिक्स्ड टीम में कांस्य पदक जीता. दृढ़ संकल्प और धैर्य के बारे में बात करते हैं.”
देखें Video:
He is Ram Baboo, who once worked as MGNREGS labour and waiter. Today he won bronze medal in #AsianGames in the 35km race walk mixed team. Talk about determination and grit. pic.twitter.com/HFB6s8AUZj
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) October 4, 2023
35 किमी रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करते हुए, राम बाबू ने उल्लेखनीय सहनशक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए 5 घंटे, 51 मिनट और 14 सेकंड का संयुक्त समय निकाला. उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि ने न केवल उन्हें गौरवान्वित किया है बल्कि प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने वाले अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का काम भी किया है.
कासवान की पोस्ट इस बात की याद दिलाती है कि दृढ़ता क्या कर सकती है. राम बाबू की प्रेरक कहानी ने इंटरनेट को अत्यधिक प्रभावित किया है. राम बाबू की कांस्य जीत ने एशियाई खेल 2023 में भारत की समग्र एथलेटिक्स पदक तालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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