यह ख़बर 26 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मक्का के इमाम बोले, हिंदुस्तानियों जिंदाबाद

खास बातें

  • मक्का की मुख्य मस्जिद के इमाम अब्दुल रहमान अल-सुदैस ने हिंदुस्तानियों जिंदाबाद का उद्घोष करते हुए भारत में भाईचारे की संस्कृति की सराहना की।
New Delhi:

मुसलमानों के मुकद्दस शहर मक्का की मुख्य मस्जिद के इमाम शेख अब्दुल रहमान अल-सुदैस ने शनिवार को हिंदुस्तानियों जिंदाबाद का उद्घोष करते हुए भारत में भाईचारे की संस्कृति की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह मक्का में रहकर हिंदुस्तान में अमन और तरक्की की दुआ करेंगे। दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित एक धार्मिक सम्मेलन अजमत-ए-सहाबा में लोगों को संबोधित करते हुए इमाम अल-सुदैस ने कहा, हिंदुस्तान में लोग लंबे अरसे से भाईचारे के साथ रहते आ रहे हैं। मैं इसके लिए हिंदुस्तान की तारीफ करता हूं। मैं मक्का में रहकर हिंदुस्तान में अमन और तरक्की की दुआ करूंगा। मेरी दुआ है कि यहां अमन और बढ़े। उन्होंने कहा, धार्मिक मसलों से लोगों को अपनी आने वाली पीढ़ी को अवगत कराना होगा। उन्हें बताना होगा कि इस्लाम एक अमनपसंद मजहब है। इसमें मीडिया का किरदार भी अहम है। मैं चाहता हूं कि ऐसे चैनल और अखबारों की संख्या बढ़े जो इस्लाम और मुसलमानों की सही तस्वीर पेश करें। मुसलमानों को इंटरनेट जैसी आधुनिक मीडिया का इस्तेमाल करना होगा। इमाम को सुनने और उनके पीछे नमाज अदा करने के लिए हजारों की संख्या में लोग जमा थे। अल-सुदैस ने लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए हिंदुस्तानियों जिंदाबाद का नारा लगाया। इससे पहले उन्होंने मगरिब :शाम: और बाद में एशा :रात: की नमाज पढ़ाई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए जमीयत के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा, इस सम्मेलन का सियासत से कोई लेना-देना नहीं है। यह पूरी तरह से मजहबी सम्मेलन है। आज इस बात की बहुत जरूरत है कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस्लाम के बारे में लोगों को सही ढंग से अवगत करायें। नयी पीढ़ी को हमें अपने मजहबी अतीत के बारे में सही ढंग से बताना होगा। मदनी ने भारत में आने के लिए इमाम को शुक्रिया अदा किया। इमाम अल-सुदैस जमीयत के निमंत्रण पर भारत आए हैं। वह 24 मार्च को भारत पहुंचे थे और 25 मार्च को देवबंद भी गए थे। महज 12 वर्ष की उम्र में कुरान कंठस्थ करने वाले अल-सुदैस का बतौर इमाम यह हिंदुस्तान का पहला दौरा है। उन्हें दुनिया भर के मुसलमानों में खासा सम्मान हासिल है। वह 27 मार्च तक भारत रहेंगे।


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