मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ड्यूटी के दौरान जींस, टी-शर्ट पहनने पर बैन

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ड्यूटी के दौरान जींस, टी-शर्ट पहनने पर बैन

प्रतीकात्मक तस्वीर

जबलपुर:

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर के समय में जींस, टी-शर्ट और भड़काऊ कपड़े पहनकर ड्यूटी पर नहीं आने के निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल वेद प्रकाश ने 16 अक्तूबर को जारी आदेश में हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्यपीठ सहित इंदौर एवं ग्वालियर खंडपीठ के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अदालत की गरिमा एवं कार्यालयीन शिष्टाचार बनाए रखने के लिए कार्यालय के समय में साधारण रंगों एवं सादगीपूर्ण वेशभूषा में ही उपस्थित होने तथा जींस, टी शर्ट और भड़काऊ रंगों वाली वेशभूषा पहनकर नहीं आने का निर्देश दिया है।

तड़क भड़क वाली पोशाक में आते हैं कर्मचारी
आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। मीडिया की जानकारी में आए इस आदेश में कहा गया है कि आम तौर पर यह पाया गया है कि अदालत के विभिन्न विभागों के कर्मचारी कार्यावधि में तड़क भड़क वाली पोशाक पहनकर कार्य स्थल पर आ रहे हैं। इसके साथ ही अदालत में पदस्थ निजी सचिव, निजी सहायक, स्टेनोग्राफर और रीडर को काली पतलून, सफेद शर्ट, काला कोट और टाई पहनकर कार्य स्थल पर आने के आदेश दिए गए हैं।

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हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे नाराज़
गौरतलब है कि पूर्व विधायक पारस सकलेचा डीमेट के संबंध में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान 15 अक्तूबर को अदालत में जींस और टी-शर्ट पहनकर आए हुए थे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर ने उनके पहनावे पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि क्या वह पार्क या पहाड़ पर घूमने आए हैं। इसके अगले दिन 16 अक्तूबर को अदालत के रजिस्ट्रार जनरल ने उक्त आदेश जारी किए हैं। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने मुख्य न्यायाधीश द्वारा पहनावे के संबंध में व्यक्त की गई नाराजगी और अदालत से बाहर जाने के निर्देश के खिलाफ इंदौर खंडपीठ में अवमानना याचिका दायर की गई है।