अपनी कविताओं और व्यंगों के लिए प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने वैलेंटाइन्स डे (Valentine's Day) पर भी एक शानदार रचना पेश की. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर #Valentines डे की शुभकामनाएं देते हुए एक शेर लिखा. यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने अपने सोशल अकाउंट पर शेरों-शायरी की हो, इससे पहले भी डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) कई बार अपने शद्बों से छा चुके हैं. 14 फरवरी (14 February) के मौके पर कुमार विश्वास ने लिखा...
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मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है...!
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मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है,
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 14, 2019
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है...!
#Valentines pic.twitter.com/1yy2lPSZQY
कौन हैं कुमार विश्वास?
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद के पिलखुआ में हुआ था. इनके पिता का नाम डॉ. चंद्रपाल शर्मा हैं, जो आरएसएस डिग्री कॉलेज में प्रध्यापक थे और मां का नाम रमा शर्मा है. वह अपने चार भाइयों में सबसे छोटे हैं. कुमार विश्वास की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुआ के लाला गंगा सहाय विद्यालय में हुई. उन्होंने राजपुताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से 12वीं पास की है. इनके पिता चाहते थे कि कुमार इंजीनियर बनें, लेकिन इनका इंजीनियरिंग की पढ़ाई में मन नहीं लगता था. वह कुछ अलग करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और हिंदी साहित्य में 'स्वर्ण पदक ' के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की. एमए करने के बाद उन्होंने 'कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना' विषय पर पीएचडी प्राप्त की. उनके इस शोधकार्य को वर्ष 2001 में पुरस्कृत भी किया गया.
बता दें, कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) मंचीय कवि होने के साथ-साथ विश्वास हिंदी सिनेमा के गीतकार भी हैं और आदित्य दत्त की फिल्म 'चाय गरम' में उन्होंने अभिनय भी किया है. कुमार विश्वास सिर्फ अपनी कविताओं के लिए नहीं बल्कि कुछ समय से राजनीति में उथल-पुथल के लिए भी चर्चा में रहे. साल 1994 में राजस्थान के एक कॉलेज में व्याख्याता (लेक्चरर) के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले कुमार विश्वास हिंदी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से एक हैं. उन्होंने कई कवि सम्मेलनों की शोभा बढ़ाई है और पत्रिकाओं के लिए वह भी लिखते हैं.
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