सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें ढेर सारी गुलेल नजर आ रही हैं. इस फोटो को आईएफएस अधिकारी आनंद रेड्डी ने ट्विटर पर शेयर किया है. वही, गुलेल (Slingslot) जो बच्चे खेलते हैं और जिससे वो पेड़ से आम तोड़ते और बेर या जामुन तोड़ते हैं.
देखें Photo:
Here's a dilemma..
— Anand Reddy, IFS (@AnandReddyYellu) July 5, 2021
You see a cute bird. And you see a cute kid. Then you see the kid kill the bird with this slingshot. Will you punish the kid?
This is very common in many villages in Nashik. It leads to empty forests - no birds, no chirping, no singing.
Only silence! pic.twitter.com/XDg85fcbz2
इस फोटो को शेयर करते हुए आनंद रेड्डी ने लिखा है, 'यहाँ एक दुविधा है.. आप एक प्यारा पक्षी देखते हैं. और आप एक प्यारा बच्चा देखते हैं. फिर आप बच्चे को इस गुलेल से पक्षी को मारते हुए देखें. क्या आप बच्चे को सजा देंगे? नासिक के कई गांवों में यह बहुत आम बात है. इसकी वजह से इन खाली जंगलों में कोई पक्षी नहीं, कोई चहकना नहीं, कोई गाना नहीं. केवल सन्नाटा है.'
So how to make these innocent kids stop using galor (slingshot)?
— Anand Reddy, IFS (@AnandReddyYellu) July 5, 2021
By talking to each child.
By telling each kid how painful it is.
By making them promise never to use again.
By nudging them to "voluntarily #surrender Galor"
In short, by winning their hearts! ❤️ pic.twitter.com/ktxTIzjrM3
आनंद रेड्डी ने जो ट्विटर थ्रेड शेयर किया उसमें आगे और भी तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. जिसमें बच्चों ने आगे की ओर गुलेल रखा है और हाथ फैलकर शपथ ले रहे हैं. बच्चों ने बैनर भी लिए हुए हैं, जिसपर लिखा है ‘गलोर हटवा पक्षी वाचवा' जिसका मतलब है, गुलेल हटाओ पक्षी बचाओ.
Video from a village on how children made this into a #movement pic.twitter.com/yvD7Zi1RpW
— Anand Reddy, IFS (@AnandReddyYellu) July 5, 2021
उन्होंने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि गुलेल छोड़ने के लिए बच्चों से बात कर उन्हें प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि गुलेल कितना खतरनाक है. उन्हें प्यार से समझाकर उनसे ये वादा लें कि वो गुलेल छोड़ देंगे. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि बच्चे गुलेल को लेकर प्रचार कर रहे हैं और बोल रहे हैं कि गुलेल हटाओ पक्षी बचाओ.
What started as a small initiative of 'Galor Samarpan Abhiyan' on this #environmentday, last 30 days were hugely heartening for me -
— Anand Reddy, IFS (@AnandReddyYellu) July 5, 2021
• 590 Galors were voluntarily surrendered until
• Kids from 68 villages took #pledge
• Some kids even reached out to staff to surrender! pic.twitter.com/BRwtVheYcj
बता दें कि अबतक 68 गावों के बच्चों ने 590 गुलेल सरेंडर कर दिए हैं. बच्चों ने ये शपथ ली है कि अब वो गुलेल नहीं रखेंगे. न वो इससे पक्षियों को मारेंगे बल्कि लोगों को भी गुलेल न चलाने के लिए प्रेरित करेंगे. अब लोग बच्चों के इस कदम की सराहना कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं.
"The strongest weapon a soldier takes to war is the reason WHY"
— Anand Reddy, IFS (@AnandReddyYellu) July 5, 2021
Once our green warriors found the purpose, they worked relentlessly - nights, weekends & in rains to reach out to every kid.
It was great to see true #Teameffort ! pic.twitter.com/oE6HjOvIid
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