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                                              गुलेल के सहारे जंगलों को हरा-भरा कर रहा है मणिपुर का अनीश, 10 लाख से ज्यादा लगा चुके हैं पेड़- Monday August 19, 2024
- Reported by: रतनदीप चौधरी, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
 मानसून आते ही अनीश बीजों को गुलेल से बिखेरते रहते हैं और जब तक बरसात खत्म नहीं होती यह सिलसिला चलता रहता है. बीजों के इन गोलों में कई किस्म के बीज होते हैं. यह मणिपुर के बंजर पहाड़ों पर गुलेल से बीज बिखरा हैं और इसके जरिए वहां के एक बड़े हिस्से में हरियाली ले आए हैं. -   ndtv.in ndtv.in
 
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                                              बच्चों ने खाई गुलेल छोड़ने की कसम, 68 गांवों के बच्चे अबतक 590 गुलेल कर चुके हैं सरेंडर, जानिए क्या है वजह ?- Tuesday July 6, 2021
- Written by: संज्ञा सिंह
 'यहाँ एक दुविधा है.. आप एक प्यारा पक्षी देखते हैं. और आप एक प्यारा बच्चा देखते हैं. फिर आप बच्चे को इस गुलेल से पक्षी को मारते हुए देखें. क्या आप बच्चे को सजा देंगे? नासिक के कई गांवों में यह बहुत आम बात है. इसकी वजह से इन खाली जंगलों में कोई पक्षी नहीं, कोई चहकना नहीं, कोई गाना नहीं. केवल सन्नाटा है.' -   ndtv.in ndtv.in
 
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                                              गुलेल के सहारे जंगलों को हरा-भरा कर रहा है मणिपुर का अनीश, 10 लाख से ज्यादा लगा चुके हैं पेड़- Monday August 19, 2024
- Reported by: रतनदीप चौधरी, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
 मानसून आते ही अनीश बीजों को गुलेल से बिखेरते रहते हैं और जब तक बरसात खत्म नहीं होती यह सिलसिला चलता रहता है. बीजों के इन गोलों में कई किस्म के बीज होते हैं. यह मणिपुर के बंजर पहाड़ों पर गुलेल से बीज बिखरा हैं और इसके जरिए वहां के एक बड़े हिस्से में हरियाली ले आए हैं. -   ndtv.in ndtv.in
 
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                                              बच्चों ने खाई गुलेल छोड़ने की कसम, 68 गांवों के बच्चे अबतक 590 गुलेल कर चुके हैं सरेंडर, जानिए क्या है वजह ?- Tuesday July 6, 2021
- Written by: संज्ञा सिंह
 'यहाँ एक दुविधा है.. आप एक प्यारा पक्षी देखते हैं. और आप एक प्यारा बच्चा देखते हैं. फिर आप बच्चे को इस गुलेल से पक्षी को मारते हुए देखें. क्या आप बच्चे को सजा देंगे? नासिक के कई गांवों में यह बहुत आम बात है. इसकी वजह से इन खाली जंगलों में कोई पक्षी नहीं, कोई चहकना नहीं, कोई गाना नहीं. केवल सन्नाटा है.' -   ndtv.in ndtv.in
 
 
                                                                                                        
                                                                                                       