प्रतीकात्मक तस्वीर
लंदन:
पॉजिटिव और निगेटिव सोच को लेकर हाल ही में एक नया अध्ययन किया गया है। इसके मुताबिक, जीवन के प्रति आपका रुख अगर आमतौर पर सकारात्मक रहता है और आप दूसरों को भी खुश रहने की सलाह देते हैं तो संभव है कि आपको नकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से अलग मस्तिष्क संयोजन की सौगात मिली है।
मस्तिष्क में खास किस्म का संयोजन और पॉजिटिव जीवनशैली...
शोध पत्रिका 'नेचर न्यूरोसाइंस' के ताजा अंक में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मस्तिष्क में खास किस्म का संयोजन, सकारात्मक जीवनशैली और व्यवहारगत गुणों में मजबूत संबंध है।
461 लोगों पर अध्ययन किया गया...
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 461 व्यक्तियों के मस्तिष्क संयोजना की जांच की और उन्हें इन्हीं प्रतिभागियों के रिकॉर्ड किए गए 280 विभिन्न व्यवहारगत और जनसांख्यिकीय तरीकों से मापा। शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क संयोजन में विविधता और किसी व्यक्ति के लक्षण एक ही धुरी पर होते हैं।
अलग अलग होती है मस्तिष्क की सरंचना...
अध्ययन के अनुसार, सकारात्मक जीवनशैली और व्यवहार वाले व्यक्तियों के मस्तिष्क संयोजन नकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से भिन्न पाए गए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, उनके परिणाम मनोचिकित्सकों के आम बुद्धिमत्ता (जी-फैक्टर) से मिलते-जुलते हैं।
हालांकि जी-फैक्टर की काफी आलोचना की गई है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि विभिन्न संज्ञानात्मक क्षमताओं के बीच संबंध सही मायने में भिन्न मस्तिष्क सर्किट्स के बीच संबंध परस्पर संबंधों को दर्शाता है या नहीं। नए परिणाम यह बता सकते हैं कि यह सही है या नहीं। शोधपत्र के मुख्य लेखक स्टीफन स्मिथ मुताबिक, 'हमें उम्मीद है कि मस्तिष्क छवि के आंकड़ों को देखकर हम मस्तिष्क संयोजनों का विशिष्ट तरीकों से संबंध जान पाएंगे और जान पाएंगे कि इस प्रकार के परीक्षणों में मस्तिष्क को क्या कार्य करना पड़ता है।'
मस्तिष्क में खास किस्म का संयोजन और पॉजिटिव जीवनशैली...
शोध पत्रिका 'नेचर न्यूरोसाइंस' के ताजा अंक में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, मस्तिष्क में खास किस्म का संयोजन, सकारात्मक जीवनशैली और व्यवहारगत गुणों में मजबूत संबंध है।
461 लोगों पर अध्ययन किया गया...
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 461 व्यक्तियों के मस्तिष्क संयोजना की जांच की और उन्हें इन्हीं प्रतिभागियों के रिकॉर्ड किए गए 280 विभिन्न व्यवहारगत और जनसांख्यिकीय तरीकों से मापा। शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क संयोजन में विविधता और किसी व्यक्ति के लक्षण एक ही धुरी पर होते हैं।
अलग अलग होती है मस्तिष्क की सरंचना...
अध्ययन के अनुसार, सकारात्मक जीवनशैली और व्यवहार वाले व्यक्तियों के मस्तिष्क संयोजन नकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से भिन्न पाए गए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, उनके परिणाम मनोचिकित्सकों के आम बुद्धिमत्ता (जी-फैक्टर) से मिलते-जुलते हैं।
हालांकि जी-फैक्टर की काफी आलोचना की गई है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि विभिन्न संज्ञानात्मक क्षमताओं के बीच संबंध सही मायने में भिन्न मस्तिष्क सर्किट्स के बीच संबंध परस्पर संबंधों को दर्शाता है या नहीं। नए परिणाम यह बता सकते हैं कि यह सही है या नहीं। शोधपत्र के मुख्य लेखक स्टीफन स्मिथ मुताबिक, 'हमें उम्मीद है कि मस्तिष्क छवि के आंकड़ों को देखकर हम मस्तिष्क संयोजनों का विशिष्ट तरीकों से संबंध जान पाएंगे और जान पाएंगे कि इस प्रकार के परीक्षणों में मस्तिष्क को क्या कार्य करना पड़ता है।'