न्यूयार्क:
अपना 70वां जन्मदिन मनाने के लिए एक पोलिश व्यक्ति ने कयाक से अटलांटिक सागर पार करने के लिए न्यूयार्क से 6000 किमी की अपनी यात्रा शुरु की। एलेक्जेंडर दोबा सितंबर में अपना 70वां जन्मदिन पुर्तगाल में मनाना चाह रहे हैं। रवानगी के वक्त सैकड़ों लोगों ने सेल्फी और इंटरव्यू ले कर विदा किया।
अब तक दो बार अपने कयाक से अटलांटिक महासागर पार कर चुके हैं
दोबा ने 2015में नेशनल ज्योग्राफिक एडवेंचरर के लिए नामित होने के बाद दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। तब तक वे दो बार अपने कयाक से अटलांटिक महासागर पार कर चुके थे। पहले अक्टूबर 2010 से फरवरी 2011 के बीच सेनेगल की राजधानी डाकर से ब्राजील के शहर अकारू तक की यात्रा की थी। इसके बाद उन्होंने लिस्बन से फ्लौरीडा तक अक्टूबर 2013 से अप्रैल 2014 तक तूफानी मौसम में यात्रा की।
अब तक की सबसे कठिन यात्रा है ये
3700 मील (6000 कीमी) की उत्तरी अटलांटिक के बर्फीले पानी वाली इस तीसरी यात्रा को उन्होंने अब तक की सबसे कठिन यात्रा बताया। दोबा ने कहा 'पानी बहुत ठंडा होगा और ज्यादा लहरें और तूफान इसे अधिक रोमांचक बना देंगे। मेरी योजना एक पूरा चक्कर लगाने की है और मैं इस सपने को पूरा करके ही रहूंगा।' अपनी कयाक 'ओलो' का बड़ा हिस्सा उन्होंने खुद डिजाइन किया है। वे रोज आठ से बारह घंटे तक उसे चलाएंगे।
उम्र को अपने सपनों के लिए बाधा नहीं बनने देना चाहते दोबा
दादा बन जुके दोबा 9 सितंबर को अपना जन्मदिन पुर्तगाल की राजधानी में मनाने के लिए कृतसंकल्प हैं और अपनी उम्र को अपने सपनों के लिए बाधा नहीं बनने देना चाहते हैं। उनका कहना है, 'मैं युवा महसूस कर रहा हूं और ये कतई जताना नहीं चाहता कि मैं बूढ़ा हूं। जब लोग मुझसे मेरी यात्रा के खतरे के बारे में पूछते हैं तो मैं उनसे पूछता हूं कि वे कहां से उठे हैं? बिस्तर से? क्या आप जानते हैं कि 95 प्रतिशत लोग बिस्तर पर ही मर जाते हैं फिर भी आप बिस्तर पर क्यों जाते हैं?
अब तक दो बार अपने कयाक से अटलांटिक महासागर पार कर चुके हैं
दोबा ने 2015में नेशनल ज्योग्राफिक एडवेंचरर के लिए नामित होने के बाद दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। तब तक वे दो बार अपने कयाक से अटलांटिक महासागर पार कर चुके थे। पहले अक्टूबर 2010 से फरवरी 2011 के बीच सेनेगल की राजधानी डाकर से ब्राजील के शहर अकारू तक की यात्रा की थी। इसके बाद उन्होंने लिस्बन से फ्लौरीडा तक अक्टूबर 2013 से अप्रैल 2014 तक तूफानी मौसम में यात्रा की।
अब तक की सबसे कठिन यात्रा है ये
3700 मील (6000 कीमी) की उत्तरी अटलांटिक के बर्फीले पानी वाली इस तीसरी यात्रा को उन्होंने अब तक की सबसे कठिन यात्रा बताया। दोबा ने कहा 'पानी बहुत ठंडा होगा और ज्यादा लहरें और तूफान इसे अधिक रोमांचक बना देंगे। मेरी योजना एक पूरा चक्कर लगाने की है और मैं इस सपने को पूरा करके ही रहूंगा।' अपनी कयाक 'ओलो' का बड़ा हिस्सा उन्होंने खुद डिजाइन किया है। वे रोज आठ से बारह घंटे तक उसे चलाएंगे।
उम्र को अपने सपनों के लिए बाधा नहीं बनने देना चाहते दोबा
दादा बन जुके दोबा 9 सितंबर को अपना जन्मदिन पुर्तगाल की राजधानी में मनाने के लिए कृतसंकल्प हैं और अपनी उम्र को अपने सपनों के लिए बाधा नहीं बनने देना चाहते हैं। उनका कहना है, 'मैं युवा महसूस कर रहा हूं और ये कतई जताना नहीं चाहता कि मैं बूढ़ा हूं। जब लोग मुझसे मेरी यात्रा के खतरे के बारे में पूछते हैं तो मैं उनसे पूछता हूं कि वे कहां से उठे हैं? बिस्तर से? क्या आप जानते हैं कि 95 प्रतिशत लोग बिस्तर पर ही मर जाते हैं फिर भी आप बिस्तर पर क्यों जाते हैं?
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