Google Doogle: कौन है गॉडफादर ऑफ कॉफी? जिन्हें आज Google भी दे रहा है श्रद्धांजलि

आज 6 जून को Angelo Moriondo की 171वीं जयंती के अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रृद्धांजलि दी है. गूगल के डूडल में आज पहली एक्सप्रेसो मशीन की जीआईएफ बनाई गई है, जिसे ओलिविया व्हेन ने बनाया था. खास बात यह है कि इस डूडल को पूरी तरह से कॉफी से पेंट किया गया है.

Google Doogle: कौन है गॉडफादर ऑफ कॉफी? जिन्हें आज Google भी दे रहा है श्रद्धांजलि

Google Doodle Today: कॉफी के जनक Angelo Moriondo की है आज 171वीं जयंती, जानिए पूरी कहानी

Google Doodle Today 6 June 2022: गूगल (Google) आज आर्टिस्टिक डूडल (Google Doodle) के जरिये एस्प्रेसो मशीनों के गॉडफादर (godfather of espresso machine) माने जाने वाले Angelo Moriondo की 171वीं जयंती ( 171st birth anniversary) मना रहा है. Angelo Moriondo वही हैं, जिन्हें 1884 में सबसे पहले ज्ञात एस्प्रेसो मशीन का पेटेंट कराने का श्रेय दिया गया था. सर्च इंजन गूगल ने आज डूडल बनाकर एस्प्रेसो मशीन के आविष्कारक एंजेलो मोरियोनडो (Angelo Moriondo) को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया है.

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बता दें कि गूगल अक्सर खास दिनों या शख्सियतों को लेकर डूडल बनाता है. आज 6 जून को Angelo Moriondo की 171वीं जयंती के अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रृद्धांजलि दी है. गूगल के डूडल में आज पहली एक्सप्रेसो मशीन की जीआईएफ (features a GIF) बनाई गई है, जिसे ओलिविया व्हेन (Olivia When) ने बनाया था. खास बात यह है कि इस डूडल को पूरी तरह से कॉफी से पेंट किया गया है.

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बता दें कि एंजेलो मोरियोनडो का जन्म 6 जून, 1851 को इटली के ट्यूरिन में हुआ था. वह व्यवसायियों के परिवार से नाता रखते थे. बताया जाता है कि मोरियोनडो के दादा ने एक शराब उत्पादन कंपनी (liquor production company) की स्थापना की थी, जिसे मोरियोनडो के पिता को सौंप दिया गया था. इसके बाद अपने भाइयों के साथ मिलकर मोरियोनडो और गैरीग्लियो चॉकलेट कंपनी बनाई, जो इटली में काफी लोकप्रिय थी. 

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उन्होंने सोचा कि अगर कई कॉफी एक बार में तैयार की जा सकें, तो कई  ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाई जा सकती है और यहीं से उन्हें एस्प्रेसो मशीन बनाने के बारे में आइडिया आया. बता दें कि मोरियोनडो ने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी एस्प्रेसो मशीन की शुरुआत की, जहां उन्हें कांस्य पदक मिला.

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उनकी मशीन में कॉफी बनाने के लिए भाप और उबलते पानी के संयोजन का इस्तेमाल किया. उनकी एस्प्रेसो मशीन में एक बड़ा बॉयलर था गर्म पानी को कॉफी बेड की तरफ फोर्स से भेजता था. वहीं, दूसरा बॉयलर भाप पैदा करता था जिससे कॉफी बनने में मदद मिलती थी. मशीन में एक बड़ा बॉयलर शामिल था जो कॉफी को गर्म पानी के साथ सर्व करता था. 23 अक्टूबर, 1885 को पेरिस में रजिस्ट्रेशन के बाद एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट द्वारा आविष्कार की पुष्टि की गई. इस बीच मोरियोनडो को एक पेटेंट प्राप्त हुआ. मोरियोनडो ने बाद के वर्षों में अपने आविष्कार में सुधार और पेटेंट करना जारी रखा.

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