
- भारतीय स्टार्टअप Perplexity ने गूगल क्रोम ब्राउजर को खरीदने का ऑफर तीन लाख करोड़ रुपये में दिया है
- Perplexity की खुद की वैल्यूएशन लगभग 18 अरब डॉलर है, जबकि इसने गूगल क्रोम के लिए दोगुनी कीमत देने की बात कही है
- Perplexity AI ने Comet नामक AI तकनीक पर आधारित ब्राउजर लॉन्च किया है, जो गूगल क्रोम के कई फीचर्स से अलग है
आपका मनपंसदीदा गूगल क्रोम ब्राउजर बिक सकता है... हुए ना आप हैरान. दरअसल ऐसा ही चौंकाने का काम एक भारतीय स्टार्टअप ने किया है. गूगल क्रोम ब्राउजर को खरीदने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारतीय स्टार्टअप ने अरबों डॉलर्स का ऑफर दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि कंपनी की खुद की वैल्यूएशन दिए गए ऑफर की आधी है. अब मामला गूगल की कंपनी से जुड़ा हुआ है तो इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. आपको बताते हैं कि गूगल क्रोम को ऑफर देना वाला ये भारतीय स्टार्टअप कौन है? कंपनी भारतीय बाजार में अभी क्या कारोबार कर रही है. साथ ही क्या आपका फेवरेट गूगल क्रोम सच में बिक जाएगा.
3 लाख करोड़ रुपये का दिया ऑफर
दरअसल खबर ये है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity ने गूगल के पॉपुलर ब्राउजर गूगल क्रोम को खरीदने का ऑफर दिया है. इस ऑफर की कीमत 34.5 अरब डॉलर (लगभग 3 लाख करोड़ रुपये) है. सबसे मजेदार बात ये है कि कंपनी की खुद की वैल्यूएशन करीब 18 अबर डॉलर है. यानी कंपनी ने अपनी वैल्यूएशन से दोगुना ऊपर जाकर बोली लगाई है. Perplexity ने कहा है कि कई बड़े इन्वेस्टर्स इस डील को पूरा करने में मदद करेंगे.
आखिर कौन है अरविंद श्रीनिवास
अरविंद श्रीनिवास का जन्म साल 1994 में चेन्नई में हुआ था और ये 30 साल के हैं. अरविंद श्रीनिवास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के छात्र रहे हैं. यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में दाखिला लिया था. यहां से इन्होंने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी - पीएचडी कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की.
गूगल में रहे हैं इंटर्न
साल 2019 में इन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर रिसर्च साइंटिस्ट की थी. कई सालों तक काम करने के बाद इन्होंने साल 2022 में अमेरिका में Perplexity AI कंपनी की शुरुआत की. जो कि आज एक जानी मानी कंपनी बन चुकी है. Perplexity AI कंपनी शुरू करने से पहले श्रीनिवास OpenAI में एआई शोधकर्ता थे और उन्होंने गूगल और डीपमाइंड में इंटर्नशिप भी की थी.
Perplexity का काम क्या करती है?
अरविंद श्रीनिवास की कंपनी ने Comet नाम का ब्राउजर अपने Perplexity Pro यूजर्स के लिए लॉन्च किया. ये ब्राउजर AI टेक्नोलॉजी पर काम करता है. Perplexity कंपनी अपने इस वेब ब्राउजर में ऑटो-रिप्लाई जैसे कई फीचर्स देती है, जो गूगल क्रोम में अभी फिलहाल नहीं है. Perplexity इससे पहले कई बार क्रोम को टारगेट कर चुकी है.
गूगल क्रॉम की कायम है बादशाहत
ब्राउजर के मामले में अभी गूगल क्रोम को कोई पीछे नहीं कर सका है. 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अनुमान है कि 3.45 बिलियन से अधिक यूजर्स इसका इस्तेमाल करते हैं. गूगल का ये ब्राउजर विंडोज, मैक, एंड्रॉइड सभी ओपरेटिंग सिस्टम के लिए मौजूद है. यूजर्स गूगल क्रोम की सेफ्टी वॉल को लेकर इसे पसंद करते हैं.
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