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This Article is From Mar 07, 2011

हृदयाघात होने का संकेत देने वाले जीनों की पहचान

लंदन: हो सकता है कि जल्द ही उन लोगों की पहचान संभव हो सके, जिन्हें भविष्य में हृदयाघात हो सकता है। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं ने दर्जन भर से अधिक ऐसे जीनों की पहचान की है, जिनका संबंध हृदय की बीमारी से है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के प्रो निलेश समानी की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने हृदयाघात की आशंका वाले लोगों में डीएनए में खामी का पता लगाने के लिए 1,40,000 लोगों की जीन संरचना का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने हृदय की बीमारी से संबंध रखने वाले 13 नए जीनों की पहचान की। यह संख्या अब तक हृदयाघात से जुड़े ज्ञात जीनों की संख्या से दोगुनी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उनकी यह खोज हृदयाघात का नया इलाज खोजने में मददगार हो सकती है और उन लोगों का पता लगाने में भी कारगर हो सकती है, जिन्हें भविष्य में हृदयाघात की आशंका हो। प्रो समानी का कहना है कि चिह्नित किए गए ज्यादातर जीनों के बारे में यह जानकारी नहीं थी कि इनका संबंध कोरोनरी धमनी की समस्या से है, जो कि हृदयाघात का मुख्य कारण है। डेली टेलीग्राफ में उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया है, अब हम अध्ययन करेंगे कि ये जीन कैसे काम करते हैं। निश्चित रूप से तब हम पता लगा सकेंगे कि यह बीमारी कैसे होती है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

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