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This Article is From Sep 17, 2023

अपने नाम के चलते बदनाम हो रहा था यह गांव, अब बदला नाम, फेसबुक पर लिखा तो हो जाएंगे ब्लॉक

यह गांव अपने नाम की वजह से ही सोशल मी़डिया पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. बता दें कि इस गांव को अजब-गजब नाम वाली सूची में लंबे समय से जगह मिली हुई है.

अपने नाम के चलते बदनाम हो रहा था यह गांव, अब बदला नाम, फेसबुक पर लिखा तो हो जाएंगे ब्लॉक
प्रतिकात्मक फोटो.

नाम किसी भी व्यक्ति या स्थान की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. आज भी कई ऐसी जगहें जिनका नाम किसी नदी, पहाड़ या यहां तक ​​कि मंदिर के नाम पर रखा गया है, लेकिन दुनिया भर में कुछ ऐसी जगहें भी मौजूद हैं, जिनके नाम लेने में शायद आप भी असहज महसूस करें. एक ऐसे ही गांव का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस गांव का नाम फकिंग (F***ing) है, जिसका नाम बदलकर अब Fugging कर दिया गया.

दरअसल, मध्य यूरोप (Central Europe) में स्थित ऑस्ट्रिया (Austria) का यह गांव अपने नाम की वजह से ही सोशल मी़डिया पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच ही लेता है.  The Guardian की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, Fugging (फगिंग) ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना से 260 किमी पश्चिम में स्थित है. बताया जा रहा है कि, जब भी किसी अन्य देशों के पर्यटकों को इस गांव के नाम के बारे में पता चलता था, तो वे इस गांव की सीमा पर लगे साइन बोर्ड के पास आकर तस्वीरें खिंचवाने लगते थे और फिर इन फोटोज को वे सोशल मीडिया पर डालते थे. कुछ ने साइन बोर्ड ही चोरी कर लिया.

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बता दें कि, इस नाम से F***ing कहीं न कहीं गांव की बदनामी हो रही थी. यूं तो आम बोलचाल की भाषा में इस शब्द का अर्थ आपत्तिजनक है. जानाकारी के मुताबिक, गांव के लोगों को इसके नाम F***ing से काफ़ी बेज्जती महसूस होती थी. उनकी मानें तो वह सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बन रहे थे. यही वजह है कि इस गांव की टाउन काउंसिल ने इसका नाम बदलने का फैसला लिया. 1 जनवरी 2021 से ऑस्ट्रिया के F***ing गांव का नाम फगिंग (Fugging) हो गया. बता दें कि इस गांव को अजब-गजब नाम वाली सूची में लंबे समय से जगह मिली हुई है.

बताया जा रहा है कि, अपर ऑस्ट्रिया के इनवर्टेल इलाके के टार्सडॉर्फ (Tarsdorf) म्यूनिसिपिलटी में F***ing गांव आता है. यह साल्जबर्ग (Salzburg) से 33 किलोमीटर दूर जर्मनी की सीमा पर स्थित है. इस गांव में पर्यटकों का आना-जाना साल 2005 के बाद बढ़ा.

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The Guardian की रिपोर्ट में कहा गया है कि, आधिकारिक तौर पर इस गांव के नाम का दस्तावेजीकरण साल 1070 में किया गया, संभवतः एडलपर्ट वॉन वुक्किंगन नामक एक स्थानीय रईस के नाम पर, हालांकि स्थानीय कहानियों से पता चलता है कि, बवेरियन समुदाय के एक शख्स फोको (Focko) ने इस गांव की स्थापना की थी, उस समय ऑस्ट्रिया के इस इलाके में ऑस्ट्रोगॉथ्स साम्राज्य का राज था. 

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