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This Article is From Jun 15, 2016

खगोल विज्ञानियों ने खोजा 2 सूर्यों के चक्कर लगाने वाला ग्रह

खगोल विज्ञानियों ने खोजा 2 सूर्यों के चक्कर लगाने वाला ग्रह
प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन: मैरीलैंड के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के खगोल वैज्ञानिकों के एक दल ने नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप के आंकड़ों की सहायता से बृहस्पति के समान एक विशाल ग्रह की खोज की है, जो दो सूर्य की एक साथ परिक्रमा कर रहा है।

सिग्नस तारामंडल में स्थित केपलर-1647बी 3,700 प्रकाश वर्ष दूर और 4.4 अरब साल पुराना है। इसकी उम्र लगभग पृथ्वी के समान है और यह बाइनरी स्टार सिस्टम की परिक्रमा कर रहा है।

केपलर-1647बी गैस का एक विशाल ग्रह है और इसकी यह खूबी इसे मेजबान ग्रहों से अलग करती है। अगर इस ग्रह के पास बड़े चंद्रमा हैं तो यह जीवन के लिए उपयुक्त हो सकता है। ये दोनों तारे सूर्य के समान हैं। इनमें से एक तारा हमारे गृह तारे से थोड़ा छोटा और एक तारा थोड़ा बड़ा है।

इस ग्रह का द्रव्यमान और त्रिज्या काफी हद तक बृहस्पति के समान है। इन कारकों की वजह से इस ग्रह को दो तारों का चक्कर लगाने वाले अब तक के सबसे बड़े ग्रह की संज्ञा दी गई है।

दो तारों का चक्कर लगाने वाले ग्रहों को करकमबिनरी प्लैनेट और टैटूइन प्लैनेट कहा जाता है। एकल तारों का चक्कर लगाने वाले ग्रहों की तुलना में ऐसे ग्रहों को ढूंढ़ना अत्यधिक कठिन होता है।

इस खोज की घोषणा सैन डियेगो में सोमवार को 'अमेरिकन एस्ट्रॉनोमिकल सोसाइटी' की बैठक में की गई थी।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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