कई बार कुछ लोग इतने प्यारे होते हैं, जिनके कारण दूसरों को नई ज़िंदगी मिल जाती है. दरअसल, मामला गुजरात का है. इन दिनों यहां बच्चों की बोर्ड परीक्षा चल रही है. ऐसे में एक पिता ने अपनी बेटी गलत परीक्षा केंद्र में छोड़ दिया. बेटी जब अपना रॉल नंबर खोजने लगी तो उसे मिला नहीं. उसका असली परीक्षा केंद्र वहां से 20 किलोमीटर दूर था. जब बेटी को अहसास हुआ कि वो गलत परीक्षा केंद्र में चली गई है तो रोने लगी. परीक्षा होने में सिर्फ 15 मिनट ही बचे थे. ऐसे में एक पुलिसकर्मी ने बच्ची की मदद की. उसे सही समय पर पहुंचा कर सबका दिल जीत लिया.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी सरकारी गाड़ी में छात्रा को समय पर परीक्षाकेंद्र पहुंचाया. इस क्रम में हूटर का भी प्रयोग किया. पुलिसकर्मी की पहचान भुज ए डिवीजन के पीआई जेवी धोला के रुप में हुई है. इनकी इंसानियत के कारण बच्ची का 1 साल बिगड़ने से बचा है.
छात्रा का नाम निशा जयंतीभाई सवानी है. निशा के पिता ने उन्हें मातृछाया स्कूल में उतार दिया, लेकिन निशा को बाद में पता चला की वह गलत परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई हैं, और उसका एग्जाम सेंटर आर डी वरसानी है. मातृछाया स्कूल और आर डी वरसानी स्कूल के बीच 20 किलोमीटर का फासला है.
इस पूरे मामले पर पीआई जेवी धोला का कहना है कि मुझे इस बात की खुशी है कि मैं बच्ची को परीक्षा केंद्र लेकर गया. इस पुलिसकर्मी की लोग बहुत ही तारीफ कर रहे हैं.
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