लंदन:
रोजमर्रा की दिनचर्या में मामूली बदलाव मधुमेह के तीन में से दो मामले को रोकने में मददगार हो सकता है, जबकि इससे हर साल बड़ी संख्या में लोगों की जानें बच सकती हैं। यह बात एक ब्रिटिश शोध से सामने आई है। इस शोध के मुताबिक दक्षिण एशिया के लोगों में मधुमेह की आशंका ज्यादा रहती है।
समाचार पत्र में छपी रपट के मुतबिक ब्रिटेन में 20 साल तक किए गए एक शोध में पाया गया कि टाइप-2 मधुमेह के मामले में ज्यादातर मौतें स्वस्थ आहार, शराब के कम सेवन, पर्याप्त व्यायाम और नियमित जांच से टाली जा सकती हैं।
इस शोध के जरिए पहली बार दुनियाभर के अलग-अलग नस्ल के लोगों में होने वाले मधुमेह रोग का आकलन किया गया, जिससे यह पता चला है कि दक्षिण एशिया, अफ्रीका और अफ्रीकी-कैरिबियाई नस्ल के लोगों में इसका खतरा लगभग दोगुना होता है। 'ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन' के सह-निदेशक माइक नैपटन के मुताबिक लोग इस रोग के आकार को हमेशा कम आंकते हैं।
उन्होंने कहा, बचाव और शुरुआती उपचार ही इसकी मुख्य कुंजी है। ऐसे कई साधारण उपाय हैं, जिसके जरिये हम मोटापे के स्तर को कम कर सकते हैं। इससे पहले कि कोई रोगी हमारे पास हृदयवाहिनी संबंधी रोग के इलाज के लिए आए, उन्हें शुरुआत में ही स्वस्थ आहार लेना शुरू करने की जरूरत है।
'साउथहॉल' और 'ब्रेंट रिविजिटेड' के इस शोध को 'वैलकम ट्रस्ट' और 'ब्रिटिश हर्ट फाउंडेशन' ने धन उपलब्ध कराया था। इसमें लंदन में रहने वाले लगभग 5000 लोगों के स्वास्थ्य का अध्ययन किया गया। 'डायबेटिक सेंटर' पत्रिका में छपे इस शोध में 40 से 60 साल के लोगों के ऊपर अध्ययन किया गया।
समाचार पत्र में छपी रपट के मुतबिक ब्रिटेन में 20 साल तक किए गए एक शोध में पाया गया कि टाइप-2 मधुमेह के मामले में ज्यादातर मौतें स्वस्थ आहार, शराब के कम सेवन, पर्याप्त व्यायाम और नियमित जांच से टाली जा सकती हैं।
इस शोध के जरिए पहली बार दुनियाभर के अलग-अलग नस्ल के लोगों में होने वाले मधुमेह रोग का आकलन किया गया, जिससे यह पता चला है कि दक्षिण एशिया, अफ्रीका और अफ्रीकी-कैरिबियाई नस्ल के लोगों में इसका खतरा लगभग दोगुना होता है। 'ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन' के सह-निदेशक माइक नैपटन के मुताबिक लोग इस रोग के आकार को हमेशा कम आंकते हैं।
उन्होंने कहा, बचाव और शुरुआती उपचार ही इसकी मुख्य कुंजी है। ऐसे कई साधारण उपाय हैं, जिसके जरिये हम मोटापे के स्तर को कम कर सकते हैं। इससे पहले कि कोई रोगी हमारे पास हृदयवाहिनी संबंधी रोग के इलाज के लिए आए, उन्हें शुरुआत में ही स्वस्थ आहार लेना शुरू करने की जरूरत है।
'साउथहॉल' और 'ब्रेंट रिविजिटेड' के इस शोध को 'वैलकम ट्रस्ट' और 'ब्रिटिश हर्ट फाउंडेशन' ने धन उपलब्ध कराया था। इसमें लंदन में रहने वाले लगभग 5000 लोगों के स्वास्थ्य का अध्ययन किया गया। 'डायबेटिक सेंटर' पत्रिका में छपे इस शोध में 40 से 60 साल के लोगों के ऊपर अध्ययन किया गया।
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