विज्ञापन

इंजीनियरिंग की नौकरी गंवाई तो बन गया फूड डिलीवरी बॉय, मुश्किलों में उड़ना सिखा देगी रियाजुद्दीन की कहानी

इंजीनियरिंग की नौकरी गंवाने के बाद भी रियाजुद्दीन के जीवन में आगे बढ़ना का हौसला कभी नहीं टूटा. रियाजुद्दीन ने फूड डिलीवरी बॉय बनकर अपने सपनों को नई उड़ान दी. जिंदगी में बहुत कुछ सिखाती है रियाजुद्दीन की कहानी.

इंजीनियरिंग की नौकरी गंवाई तो बन गया फूड डिलीवरी बॉय, मुश्किलों में उड़ना सिखा देगी रियाजुद्दीन की कहानी
स्विगी के इस डिलीवरी बॉय की कहानी सिखाती है जिंदगी का पाठ

इंजीनियरिंग करने के बाद भी कई युवा ऐसे हैं, जो नौकरी के लिए धक्के खा रहे हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी हैं, जो अपनी इंजीनियरिंग की जॉब खो चुके हैं और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. नौकरी ना मिलने पर ज्यादातर युवा टूट जाते हैं और फिर गलत कदम उठा बैठते हैं, लेकिन उनके इस गलत कदम का दुख उनके परिवार वाले झेलते हैं, लेकिन रियाजुद्दीन की कहानी इन सबसे अलग और बड़ा संदेश देने वाली है. रियाजुद्दीन जो कि एक पेशे से इंजीनियर हैं और अपनी जॉब से हाथ धो बैठे थे. कई कंपनियों में अप्लाई करने के बाद भी जब काम नहीं बना तो, रियाजुद्दीन ने हिम्मत नहीं हारी. रियाजुद्दीन ने महंगाई के इस जमाने में खाली बैठने से बेहतर स्विगी के साथ फूड डिलीवरी पार्टनर बनने का फैसला लिया. स्विगी के साथ जुड़ने के बाद रियाजुद्दीन ने ऐसे-ऐसे दिन देखें, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. अब रियाजुद्दीन ने सोशल मीडिया पर अपने उस एक्सपीरियंस को शेयर किया है, जिसने उन्हें धैर्य, दृढ़ता और विनम्रता का पाठ पढ़ाया है.

पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

रियाजुद्दीन को याद आए संघर्ष के दिन ( Riyazuddin Recalls Tough Phase)

रियाजुद्दीन फिलहाल अपने करियर की राह में बहुत आगे बढ़ चुके हैं, लेकिन वह अपने संघर्ष के दिनों को नहीं भूले हैं. रियाजुद्दीन ने लिंक्डइन अकाउंट पर अपने कड़े संघर्ष को याद किया है और उसे 'A Journey of Resilience: My Farewell to Swiggy' का टाइटल दिया है. रियाजुद्दीन ने अपने इस पोस्ट में लिखा है, 'मुझे आज भी याद है, सुबह, दोपहर, शाम, देर रात और बारिश में कैसे डिलीवरी कर रहा था, मेरे लिए हर डिलीवरी सिर्फ पैसा कमाना ही नही था, बल्कि यह मुझे जीवन में धैर्य का पाठ पढ़ा रहा था, स्विगी ने मेरा हाथ उस वक्त थामा था, जब मेरे लिए सारे रास्ते बंद हो चुके थे, यह जॉब मेरे लिए सैलरी से बढ़कर थी'.

रियाजुद्दीन की कहानी उन्हीं की जुबानी (Riazuddin's story in his own words)

रियाजुद्दीन ने यह भी बताया कि इस संघर्ष के दौरान वह भावनात्मक और मानसिक तौर पर कैसे टूट रहे थे. रियाजुद्दीन ने लिखा, 'आशाओं को बांधे रखना, रिजेक्शन को झेलना और दिन ब दिन घुटकर मरना इतना आसान नहीं था, लेकिन हर ऑर्डर ने मुझे मजबूत किया'. रियाजुद्दीन ने आगे बताया, 'मैं अब एक अच्छी कंपनी में काम कर रहा हूं, मैं स्विगी के साथ एक फेयरवेल पार्टी का हकदार हूं' मेरे सफर का साथी बनने के लिए स्विगी का धन्यवाद'.  इसलिए कहते हैं जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए धैर्य और हिम्मत का होना बहुत जरूरी है.

ये भी देखेंः- 21 साल के तोते की हुई ट्यूमर सर्जरी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
भारतीय उद्योगपति की रोजाना 600 रुपये बचाने की सलाह से सोशल मीडिया पर घमासान, यूजर्स ने याद दिला दी 'गरीबी रेखा'
इंजीनियरिंग की नौकरी गंवाई तो बन गया फूड डिलीवरी बॉय, मुश्किलों में उड़ना सिखा देगी रियाजुद्दीन की कहानी
बैचलर्स के लिए आए दिन 10-15 पार्सल मंगाने से परेशान था गार्ड, हाउसिंग सोसाइटी ने जारी किया खास नोटिस
Next Article
बैचलर्स के लिए आए दिन 10-15 पार्सल मंगाने से परेशान था गार्ड, हाउसिंग सोसाइटी ने जारी किया खास नोटिस
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com