प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने जांघ के मांस का उपयोग करके मुख कैंसर से जूझ रहे एक व्यक्ति की जीभ को फिर से बनाने का करिश्मा कर दिखाया है. शल्य चिकित्सा के बाद उस व्यक्ति के बोलने की क्षमता में भी सुधार देखा गया है. हालांकि वह अपनी जीभ से स्वाद नहीं ले सकता.
फरीदाबाद के इस व्यक्ति को मुख में दर्द था और पिछले करीब दो-ढाई महीनों से उसे खाने में तकलीफ होती थी. इसके अलावा दर्द के कारण उसे बोलने और बात करने में भी परेशानी थी.
फोर्टिस अस्पताल के शल्य चिकित्सक नितिन सिंघल ने कहा, ‘‘जांच करने पर पता चला कि उसकी जीभ में कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं और उसने जीभ समेत लगभग पूरे मुख और जबड़े को अपनी चपेट में ले लिया है.’’ उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति बहुत पहले से सिगरेट और तंबाकू का सेवन करता था. इसके अलावा वह कभी कभी शराब भी पीता थ. कुछ अस्पतालों ने उसकी जांच की और पाया कि उसकी जीभ में कैंसर के लक्षण हैं. चिकित्सकों ने उसे शल्य चिकित्सा की सलाह दी लेकिन चेहरा बिगड़ने के डर से उसने शल्य चिकित्सा कराने से मना कर दिया. उससे कहा गया था कि कैंसर को हटाने के लिए उसका पूरा जबड़ा उखाड़ा जा सकता है.
हालांकि अब उसकी हालत खराब हो रही थी और दर्द बर्दाश्त से बाहर होने लगा था. जिसके बाद उसने फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों से संपर्क किया. डाक्टर सिंघल ने बताया, ‘‘उसे बहुत भयानक दर्द हो रहा था और वह खाने में भी असमर्थ हो गया था. जांच के बाद हमने उसे बगैर जबड़ा हटाए कैंसर को निकालने के लिए राजी कर लिया. उसका जीवन बचाने के लिए यह शल्य चिकित्सा करना जरूरी थी.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फरीदाबाद के इस व्यक्ति को मुख में दर्द था और पिछले करीब दो-ढाई महीनों से उसे खाने में तकलीफ होती थी. इसके अलावा दर्द के कारण उसे बोलने और बात करने में भी परेशानी थी.
फोर्टिस अस्पताल के शल्य चिकित्सक नितिन सिंघल ने कहा, ‘‘जांच करने पर पता चला कि उसकी जीभ में कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं और उसने जीभ समेत लगभग पूरे मुख और जबड़े को अपनी चपेट में ले लिया है.’’ उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति बहुत पहले से सिगरेट और तंबाकू का सेवन करता था. इसके अलावा वह कभी कभी शराब भी पीता थ. कुछ अस्पतालों ने उसकी जांच की और पाया कि उसकी जीभ में कैंसर के लक्षण हैं. चिकित्सकों ने उसे शल्य चिकित्सा की सलाह दी लेकिन चेहरा बिगड़ने के डर से उसने शल्य चिकित्सा कराने से मना कर दिया. उससे कहा गया था कि कैंसर को हटाने के लिए उसका पूरा जबड़ा उखाड़ा जा सकता है.
हालांकि अब उसकी हालत खराब हो रही थी और दर्द बर्दाश्त से बाहर होने लगा था. जिसके बाद उसने फोर्टिस अस्पताल के चिकित्सकों से संपर्क किया. डाक्टर सिंघल ने बताया, ‘‘उसे बहुत भयानक दर्द हो रहा था और वह खाने में भी असमर्थ हो गया था. जांच के बाद हमने उसे बगैर जबड़ा हटाए कैंसर को निकालने के लिए राजी कर लिया. उसका जीवन बचाने के लिए यह शल्य चिकित्सा करना जरूरी थी.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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