आजकल हर परेशानी का हल सोशल मीडिया के जरिए मिल ही जाता है. हाल में एक शख्स की पोस्ट ने इस बात को और भी पुख्ता कर दिया है. दरअसल, 37 वर्षीय एक शख्स ने सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर के साथ अपनी परेशानी शेयर की, जिसके बाद उसे झटपट इसका समाधान भी मिल गया. 37 साल के इस शख्स ने अपने ट्विटर पोस्ट में बताया कि, वह कॉर्पोरेट नौकरी में दिन में 16 से 17 घंटे से अधिक काम करता है. इस शख्स का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींच रहा है.
यहां देखें पोस्ट
1. Reduce working hours by 50%, and ensure an unemployed person gets a job (whose job you are doing in addition to yours)
— Dr Sudhir Kumar MD DM (@hyderabaddoctor) June 10, 2023
(+follow other advice from the pinned post on my timeline) https://t.co/wThD7cEvMt
ट्विटर पर डॉक्टर से मांगी सलाह
हर्षल नाम के इस शख्स ने हैदराबाद के अपोलो अस्पताल के एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार से हेल्थ को लेकर एडवाइज मांगते हुए पोस्ट में लिखा, 'हाय डॉक्टर, मैं 37 साल का हूं और कॉर्पोरेट नौकरी में हूं, पिछले 6 महीनों से काम के मौजूदा घंटे 16 से 17 घंटे से अधिक हैं, सभी वैश्विक क्षेत्रों के लिए नॉन-स्टॉप कवरेज देना है, मैंने हाल ही में बीपी की जांच की और यह 150/90 और 84 मिनट था. कृपया अगले स्टेप की सलाह दें.' इसके जवाब में डॉ. कुमार ने ट्विटर पर हर्षल को काम के घंटे 50 प्रतिशत कम करने की सलाह दी. उन्होंने मजाक में यह भी कहा कि, आप जो एक्स्ट्रा काम कर रहे हैं, आपकी जगह एक बेरोजगार को नौकरी मिल सकती है.
अगले ट्वीट में हर्षल ने सलाह के लिए डॉक्टर को थैंक्स किया. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि, आखिरकार उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, क्योंकि उन्हें वीकेंड में भी काम करने के लिए कहा गया था. हर्षल ने लिखा, ‘सुझाव के लिए धन्यवाद, मैंने अब नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि वह बहुत जहरीली हो रही थी. मैंने काम को अपने सबसे अच्छे स्तर पर छोड़ दिया, क्योंकि मैंने अपने बॉस से कहा कि, मैं वीकेंड पर उपलब्ध नहीं हो सकता और फिर उसने कहा, रिप्लेसमेंट खोजना होगा और मैंने तुरंत जॉब छोड़ दी.
लोग बोले- गलत बात है
इस पोस्ट को अब तक 29 हजार से अधिक व्यूज आ चुके हैं और लोग जमकर कमेंट्स कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'ये सलाह डॉक्टर्स के लिए भी है. वो भी 2-3 लोगों का काम कर रहे हैं.' वहीं एक ने लिखा, '16-17 घंटे लगातार काम करना काम के दबाव के कारण नहीं है, बल्कि यह खराब मैनेजमेंट है.'
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