विज्ञापन
This Article is From May 13, 2025

छोटी बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी कर रहा था डिलीवरी एजेंट, बताई ऐसी मजबूरी, यूजर्स बोले- ऐसी तकलीफ किसी को न मिले

सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में समर्थन के संदेशों की बाढ़ ला दी. एक यूजर ने कहा, "महिलाएं पीढ़ियों से बिना किसी पहचान के ऐसा करती आ रही हैं.

छोटी बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी कर रहा था डिलीवरी एजेंट, बताई ऐसी मजबूरी, यूजर्स बोले- ऐसी तकलीफ किसी को न मिले
छोटी बच्ची को साथ लेकर ड्यूटी कर रहा था डिलीवरी एजेंट

स्विगी डिलीवरी पार्टनर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह अपनी छोटी बच्ची को बाइक पर बैठाकर काम पर निकला है. यह सब तब शुरू हुआ जब गुरुग्राम के एक शख्स ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में अपनी बातचीत और तस्वीर शेयर की. गुरुग्राम के सीईओ मयंक अग्रवाल ने हाल ही में हुई एक डिलीवरी के बारे में पोस्ट में लिखा, जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया. अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि उन्होंने डिलीवरी एजेंट को दूसरी मंजिल पर आने के लिए कहा था.

लेकिन जैसे ही उसने कॉल काटी, उसे बैकग्राउंड में एक बच्चे की आवाज़ सुनाई दी. जब उसने इसके बारे में पूछा, तो डिलीवरी एजेंट ने बताया की, कि उसकी बेटी उसके साथ है. अग्रवाल ने तुरंत नीचे आने की बात कही. उसने जो देखा, उसका दिल पसीज उठा. एक बच्चा, “मुश्किल से दो साल का,” डिलीवरी एजेंट की बाइक पर चुपचाप बैठा था. उसका नाम टुन टुन था.

उस शख्स ने अपना परिचय पंकज के रूप में दिया. उसने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी, और घर पर बच्चे की देखभाल करने वाला कोई और नहीं होने की वजह से उसके पास बच्ची को भी डिलीवरी के लिए साथ ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. उसका बड़ा भाई शाम के स्कूल में जाता है, और पंकज उसके लौटने तक उसकी देखभाल करता है.

मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद, पंकज शांत रहा. अग्रवाल ने लिखा, “उसके पास कोई शिकायत नहीं थी, केवल एक शांत मुस्कान थी.” उन्होंने कहा कि कुछ ग्राहकों ने डिलीवरी पार्टनर से यह भी कहा था कि “अगर तुम मैनेज नहीं कर सकते तो घर पर बैठो,” और उसकी स्थिति के लिए उसे दोषी ठहराया.

अग्रवाल ने अपने पोस्ट के अंत में समझने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि पंकज का फैसला कोई विकल्प नहीं था, बल्कि एक मजबूरी थी. उन्होंने लिखा, "इससे पहले कि कोई भी बच्चे की सुरक्षा के बारे में चिंता जताए, कृपया समझें कि वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि उसके पास कोई विकल्प नहीं है." "मुझे बस उम्मीद है कि स्विगी से कोई इसे पढ़ेगा और उसका समर्थन करने का कोई तरीका खोजेगा."

सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में समर्थन के संदेशों की बाढ़ ला दी. एक यूजर ने कहा, "महिलाएं पीढ़ियों से बिना किसी पहचान के ऐसा करती आ रही हैं. इस पिता और हर उस मां को सलाम, जिन्होंने चुपचाप यह सब किया है." एक अन्य यूजर ने कहा, "यह बहुत ही दिल को छू लेने वाला है. थोड़ी संस्थागत सहानुभूति जीवन बदलने में बहुत मददगार हो सकती है. मैंने दोनों तरह के लोगों को देखा है, एक जो गैर-पेशेवर हैं और दूसरे जो अपने हिस्से से ज़्यादा बोझ उठाते हैं."

एक यूजर ने कहा, "मैंने घरेलू सहायकों को भी ऐसा करते देखा है. समस्या सिर्फ़ उनका बोझ नहीं है, बल्कि उन्हें कितनी कम इज्जत मिलती है. सरकार और समाज दोनों ने उन्हें निराश किया है." स्विगी की टीम का हिस्सा होने का दावा करने वाले एक लिंक्डइन यूजर ने सहायता प्रदान करने के लिए डिलीवरी पार्टनर का विवरण भी मांगा है.

ये भी पढ़ें: लड़की ने साइकिल चलाते हुए मस्ती भरे अंदाज़ में गाया किशोर कुमार का गाना, लोगों को इतना पसद आया कि बार-बार देख रहे Video

ये Video भी देखें:

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com