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ChatGPT का इस्तेमाल बढ़ा सकता है एंग्जायटी? Yale University की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

Yale University की नई रिसर्च में यह सामने आया है कि Large Language Models (LLMs) जैसे ChatGPT का इस्तेमाल करने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. स्टडी के अनुसार, AI चैटबॉट्स के साथ अधिक समय बिताने वाले लोगों में एंग्जायटी और स्ट्रेस बढ़ने की संभावना होती है.

ChatGPT का इस्तेमाल बढ़ा सकता है एंग्जायटी? Yale University की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
ChatGPT और मेंटल हेल्थ: Yale University की स्टडी में बड़ा खुलासा

How can ChatGPT experience anxiety: आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. खासकर, OpenAI के ChatGPT जैसे Large Language Models (LLMs) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हाल ही में Yale University की एक नई स्टडी ने यह चिंता जताई है कि AI चैटबॉट्स के अधिक इस्तेमाल से लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, खासकर एंग्जायटी, बढ़ सकती हैं.  

क्या कहती है Yale University की स्टडी? (ChatGPT anxiety)

Yale University के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने ChatGPT और अन्य AI चैटबॉट्स के उपयोगकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण किया. स्टडी में यह पाया गया कि जो लोग लगातार AI चैटबॉट्स के साथ बातचीत करते हैं, वे अधिक तनाव, सामाजिक अलगाव और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य कारण यह है कि AI चैटबॉट्स इंसानों की तरह भावनात्मक सहारा नहीं दे सकते. लोग AI से बातचीत तो करते हैं, लेकिन उन्हें असली मानवीय संवेदनाओं और सहानुभूति की कमी महसूस होती है. इससे उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है.  

AI चैटबॉट्स के अधिक इस्तेमाल से बढ़ती चिंता (Study on ChatGPT)

शोध में पाया गया कि कई लोग ChatGPT का उपयोग व्यक्तिगत समस्याओं पर चर्चा करने और मानसिक सहारा पाने के लिए करते हैं. हालांकि, AI चैटबॉट्स भावनात्मक गहराई से जवाब देने में सक्षम नहीं होते, जिससे यूजर्स की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पातीं और वे और अधिक तनावग्रस्त महसूस कर सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीक का सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है. अगर AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल सीमित और सही उद्देश्य के लिए किया जाए, तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा निर्भरता मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.  

कैसे बचें AI से जुड़ी एंग्जायटी से? (can ChatGPT experience anxiety)

अगर आप भी ChatGPT या अन्य AI चैटबॉट्स का उपयोग करते हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित होने से बचाने के लिए कुछ जरूरी उपाय अपनाए जा सकते हैं:-  

  • सीमित समय के लिए उपयोग करें – AI चैटबॉट्स के साथ बातचीत करने का समय निर्धारित करें.  
  • मानवीय संपर्क बनाए रखें – दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करें और सोशल इंटरैक्शन बढ़ाएं.  
  • सकारात्मक गतिविधियों में भाग लें – योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज जैसी हेल्दी एक्टिविटीज को अपनाएं.  

Yale University की इस स्टडी से यह स्पष्ट होता है कि AI चैटबॉट्स के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. हालांकि, अगर इनका सही तरीके से और सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए, तो यह उपयोगी साबित हो सकते हैं, इसलिए तकनीक का उपयोग सोच-समझकर और बैलेंस तरीके से करना बेहद जरूरी है.  

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