किंग चार्ल्स तृतीय पहले ब्रिटिश सम्राट हैं जिन्होंने पहले सिविल मैरिज किया और फिर सिविल डायवोर्स लिया.
1981 में, चार्ल्स, तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स, ने लेडी डायना स्पेंसर से एक परीकथा जैसी शादी की, जिसे दुनिया भर में 75 करोड़ लोगों ने देखा.
हालाँकि, 1992 में शाही जोड़ा अलग हो गया और 1996 में उनका तलाक हो गया. शानदार ढंग से हुई शादी शानदार ढंग से ही टूट गई.
बाद में चार्ल्स ने अपनी लंबे समय की प्रेमिका कैमिला पार्कर-बाउल्स से शादी कर ली. उन्होंने 2005 में एक सिविल समारोह में शादी की थी. यह शाही परिवार के सदस्यों की एंग्लिकन चर्च समारोह में शादी करने की परंपरा से अलग था.
चार्ल्स और कैमिला के विवाहेतर संबंधों ने उन्हें चर्च में पुनर्विवाह करने से रोक दिया.
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने शादी में शामिल होने से इनकार कर दिया, क्योंकि ऐसा करना कथित रूप से इंग्लैंड के चर्च के सर्वोच्च गवर्नर के रूप में ईसाई धर्म को बनाए रखने में उनकी भूमिका के अनुरूप नहीं था.
सिंहासन पर चार्ल्स का बैठना न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक महत्व भी रखता है. चार्ल्स ‘‘विश्वास के रक्षक'' और सर्वोच्च गवर्नर हैं. एक तलाकशुदा के रूप में चार्ल्स की स्थिति उन्हें अपनी धार्मिक भूमिकाओं के साथ असहज स्थिति में डाल देती है.
16वीं सदी में राजा हेनरी अष्टम छह पत्नियां रखने के लिए बदनाम था. उन्होंने अपनी पहली शादी कैथरीन ऑफ एरागॉन से रद्द कर दी. इसका मतलब यह था कि शादी शुरू से ही कानूनी रूप से वैध नहीं थी.
किंग जॉर्ज चतुर्थ 1820 में अपनी पत्नी क्वीन कैरोलिन को तलाक देने में लगभग सफल रहे.
उस समय, तलाक केवल संसद के अधिनियम द्वारा ही दिया जा सकता था. हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सुनवाई हुई. राजा ने तलाक के आधार के रूप में अपनी पत्नी पर व्यभिचार करने का आरोप लगाया.
हालाँकि, राजनीतिक दबाव के कारण प्रधान मंत्री लॉर्ड लिवरपूल ने अंततः तलाक के बिल को वापस ले लिया.
किंग एडवर्ड अष्टम को 1936 में मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह एक अमेरिकी तलाकशुदा वालिस सिम्पसन से शादी करना चाहते थे. यह सर्वोच्च गवर्नर के रूप में उनकी भूमिका के खिलाफ था.
कैमिला से शादी में चार्ल्स हालांकि अपने पूर्वज के समान स्थिति में थे, लेकिन दोनो के हालात अलग थे. उस समय कंज़र्वेटिव सरकार और इंग्लैंड के चर्च एडवर्ड की तलाकशुदा से शादी को बर्दाश्त नहीं कर सके. इसे नैतिकता के अपमान के रूप में देखा गया.
इसी तरह, राजकुमारी मार्गरेट पर तलाकशुदा ग्रुप कैप्टन पीटर टाउनसेंड से शादी नहीं करने का दबाव डाला गया. रानी की बहन के रूप में, उनकी इस शादी को कुछ हलकों में पसंद नहीं किया गया.
क्वीन एलिजाबेथ ने 1992 को शाही परिवार के लिए ‘‘एनस हॉरिबिलिस'' (भयानक वर्ष) कहा, उनके तीन बच्चे प्रिंस चार्ल्स, प्रिंसेस ऐनी और प्रिंस एंड्रयू की शादियां टूट चुकी थीं. तब तक तलाक समाज में तेजी से स्वीकार्य हो गया था.
कैमिला से शादी करने के लिए चार्ल्स को अपनी मां की अनुमति लेनी पड़ी. रॉयल मैरिजेज एक्ट 1772 ने निर्धारित किया कि किंग जॉर्ज द्वितीय के सभी वंशजों को शादी करने के लिए शीर्ष सत्ता की सहमति लेने की आवश्यकता थी.
इस कानून को 2013 में निरस्त कर दिया गया था. तय किया गया कि उत्तराधिकार की पंक्ति में केवल पहले छह व्यक्तियों को अब शादी करने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता होगी.
उस समय विवाद था कि क्या शाही परिवार का कोई सदस्य कानूनी रूप से एक सिविल समारोह में शादी कर सकता है. विवाह अधिनियम 1836 ने सिविल मैरिज की अनुमति दी. लेकिन कानून ने कहा कि यह शाही परिवार के सदस्यों पर लागू नहीं होता.
ब्रिटिश सरकार ने एक बयान जारी कर घोषणा की कि चार्ल्स कानूनी रूप से एक सिविल मैरिज में प्रवेश कर सकते हैं. विचार यह था कि विवाह अधिनियम 1949 ने पिछले कानून को निरस्त कर दिया था.
सरकार ने यह भी तर्क दिया कि मानवाधिकार अधिनियम 1998 और मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन के तहत शादी करने का अधिकार था.
चार्ल्स और कैमिला की सिविल मैरिज समाज के बदलते मूल्यों का प्रतीक थी. विवाह का दृष्टिकोण एक नैतिक प्रतिबद्धता से गठबंधन के एक उत्सव में स्थानांतरित हो गया था। इसने परंपरा पर राजशाही के आधुनिकीकरण को चिह्नित किया.
एक पीढ़ी पहले एक तलाकशुदा का राजा बनना बहुतों के लिए अप्रिय रहा होगा. लेकिन चार्ल्स राजशाही के आधुनिक चरित्र और व्यापक समाज के उदार मूल्यों का प्रतीक हैं.
चार्ल्स ने हाल ही में एंग्लिकन ईसाई धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है. यह अधिनियम 1701 में उनकी संवैधानिक भूमिका की स्वीकृति है. केवल प्रोटेस्टेंट ईसाई ताज के उत्तराधिकार का दावा कर सकते हैं.
यह इंग्लैंड के चर्च के नाममात्र के शासक के रूप में उनकी भूमिका की भी पुष्टि करता है. सम्राट अभी भी प्रधान मंत्री की सलाह पर बिशप नियुक्त करता है. एंग्लिकनवाद इंग्लैंड का आधिकारिक राज्य धर्म है.
फिर भी चार्ल्स आधुनिक राजशाही के लिए जोर दे रहे हैं. उन्होंने खुद को विविधता के रक्षक के रूप में देखा है. धर्मनिरपेक्ष आदर्शों की बहु-धार्मिक प्रथा और अभिव्यक्ति के लिए एक स्थान को बनाए रखना उनके शासनकाल के एजेंडे का हिस्सा है.
राजशाही आधुनिकता और परंपरा के बीच तनाव का सामना करती है. एक तलाकशुदा और पुनर्विवाहित सम्राट के रूप में, चार्ल्स तृतीय राजशाही के एक नये रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक प्राचीन संस्था जो बहुसांस्कृतिक, धार्मिक रूप से विविध और अधिक खुले और सहिष्णु समाज में अपनी भूमिका को गले लगाने की कोशिश करती है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं