गुब्बारे बेचने वाली ये लड़की कैसे रातोंरात बन गई इंटरनेट सेंसेशन ? जानें पूरी कहानी

अर्जुन कृष्णन नाम के फोटोग्राफर ने केरल में अंडालूर कावु फेस्टिवल में इस लड़की को देखा. उसने वहीं पर उसकी फोटो क्लिक की.

गुब्बारे बेचने वाली ये लड़की कैसे रातोंरात बन गई इंटरनेट सेंसेशन ? जानें पूरी कहानी

गुब्बारे बेचने वाली ये लड़की कैसे रातोंरात बन गई इंटरनेट सेंसेशन ?

इंटरनेट एक ऐसी जगह है, जो किसी को भी रातों-रात सेंसेशन बना सकता है. रानू मंडल, बचपन का प्यार ब्वॉय सहदेव दिरदो या कच्चा बादाम सिंगर भुबन बड्याकर जैसे लोगों को इंटरनेट ने ही रातोंरात लोगों के बीच पॉप्युलर बना दिया. और अब, इस सूची में एक और नाम जुड़ गया है. केरल में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर गुब्बारे बेचने वाली एक लड़की इंटरनेट स्टार बन गई, जब वह एक वेडिंग फोटोग्राफर (wedding photographer) द्वारा किए गए फोटोशूट के लिए मॉडल बनी.

दरअसल, अर्जुन कृष्णन नाम के फोटोग्राफर ने केरल में अंडालूर कावु फेस्टिवल में इस लड़की को देखा. उसने वहीं पर उसकी फोटो क्लिक की. अर्जुन ने लड़की और उसकी मां को भी फोटो दिखाया और वे दोनों फोटो देखकर बेहद खुश लग रही थीं. किस्बू नाम की लड़की एक राजस्थानी परिवार से ताल्लुक रखती है और केरल में गुब्बारे बेचची है.

अर्जुन ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया और उन्हें जो प्रतिक्रिया मिली वह बहुत अच्छी थी. उनके दोस्त श्रेयस ने भी किस्बू की एक तस्वीर ली जो कुछ ही देर में वायरल हो गई. जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद, किसी ने किस्बू के परिवार से उनके लिए मेकओवर फोटोशूट कराने के लिए संपर्क किया और, रेम्या नाम की एक स्टाइलिस्ट की मदद से यह सच हो गया.

किस्बु को एक पारंपरिक मेकओवर भी मिला, जिसमें उन्होंने लाल ब्लाउज के साथ एक सुंदर कसावु साड़ी पहनी थी. फोटोशूट के लिए मिली प्रतिक्रिया से अर्जुन काफी उत्साहित हैं और बहुत खुश हैं क्योंकि वह किसी और के जीवन में बदलाव लाने में कामयाब रहे.

ये भी पढ़ें-

Elections Poll of Exit Poll Results 2022: एक्जिट पोल के अनुसार, यूपी में फिर खिलने जा रहा 'कमल'

तेंदुए ने मचाया तहलका, गली में लगा रहा था दौड़, पीछे-पीछे भाग रहे थे लोग और फिर... - देखें Video

सड़क पर बीचोबीच आकर फैल गया अजगर, पहले कभी नहीं देखा होगा ऐसा मंजर, Video देख उड़ जाएंगे होश

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इशारों इशारों में : एग्ज़िट पोल छोड़िए, ‘नाराज़गी' वोट बैंक किधर जा रहा है?