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This Article is From May 08, 2020

मानव तस्करी से बचने के बाद शख्स ने सुनाई पूरी कहानी, बोले - वह घंटों मेरी पत्नी और बच्चों को देता था गाली...

हैरौल्ड ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans Of Bombay) से खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे वह अमेरिका में अपनी बेहतर जिंदगी बनाने गए थे लेकिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Trafficking) का शिकार हो गए.

मानव तस्करी से बचने के बाद शख्स ने सुनाई पूरी कहानी, बोले - वह घंटों मेरी पत्नी और बच्चों को देता था गाली...
मानव तस्करी से बचने के बाद शख्स ने सुनाई पूरी कहानी

ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ( Humans Of Bombay) नाम के एक फेसबुक (Facebook) पेज ने एक ऐसे शख्स की कहानी शेयर की है जो इन दिनों खासा सुर्खियों में है. जी हां इस शख्स का नाम है हैरोल्ड डिसूजा. हैरौल्ड ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans Of Bombay) से खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे वह अमेरिका में अपनी बेहतर जिंदगी बनाने गए थे लेकिन ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Trafficking) का शिकार हो गए. हैरोल्ड अपनी कहानी की शुरुआत करते हुए कहते है, ''इस बात को अब 16 साल हो गए लेकिन आज भी मुझे जब सबकुछ याद आता है तो मैं अंदर से कांप जाता हूं.''

हैरोल्ड ने कहा, ''अच्छी जिंदगी की चाहत में मैं वडोदरा से अमेरिका पहुंचा. ऐसा बिल्कुल नहीं था कि मेरी स्थिती खराब थी बल्कि सच बताऊं तो मैं वडोदरा में एक अच्छी टेक कंपनी में रीजनल मैनेजर था, लेकिन हमेशा से चाहत थी अच्छी लाइफस्टाइल और बेतर जिंदगी की. तो इसके कारण मैं अमेरिका पहुंच गया. वहां मुझे और मेरी पत्नी को एक रेस्ट्रा में काम पर लगा दिया गया. हम दिन रात काम करते थे. हमें रहने के लिए एक कमरे वाले अपार्टमेंट में दिया गया था. जो हमें यहां लेकर आए थे उनसे हम ज्यादा कुछ पूछ भी नहीं सकते थे नहीं तो हमारी हत्या कर दी जाती.''

उन्होंने आगे बताया, ''साल 2003 में मैं पहली बार मानव तस्करी के गिरोह के एक सदस्य से मिला. उसने मुझे बोला क्या आप करोड़पति बनना चाहते हैं? मैं उसकी बात सुनकर चौंक गया लेकिन एक तरफ यह भी सवाल है कि आखिर कौन नहीं चाहता पैसेवाला बनना. 37 साल की उम्र में मैं भी अमेरिका जाकर अपने सपने पूरे करना चाहता था. लेकिन हौरोल्ड बताते हैं कि मुझे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि यह रास्ता नर्क के तरफ जाता है.''

''मैं, मेरी पत्नी पत्नी और दो बेटे एक रूम वाले अपार्टमेंट में रहते थे. सिर्फ इतना ही नहीं उसने हमें रेस्ट्रा में काम करने के लिए राजी भी कर लिया था. हम दिन रात रेस्ट्रा में काम करते थे. और तो और उस शख्स जिसे मैं अपने बड़ा भाई तरह इज्जत देता था उसने मुझे बोला कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुझे सभी कैश और डॉक्यूमेंट दे दो मैंने उसे बड़ा भाई समझकर सबकुछ दे दिया.''

हमारे मना करने के बाद भी मुझे मेरी पत्नी को जोर जबरदस्ती करके रोजाना काम पर भेजा जाता था. हम सभी रात के 2 बजे घर आते थे. मेरी पत्नी धीरे-धीरे काफी परेशान रहने लगी और हर रात रोती थी. कुछ महीने बाद उसका एक आदमी मुझे जबरदस्ती बैंक ले जाकर और कुछ पेपर पर साइन करने के लिए बोलता है. 

बैंक का काम करने के बाद वह मुझे अपने घर ले गया और पीने के लिए ड्रिंक देते हुए चीयर्स कहा. उसने कहा तुम एक अमीर आदमी हो. मैं जैसे ही ड्रिंक का एक घूट लेता उसने कहा मेरा 40,000 डॉलर बकाया है तुम पर. इतना सुनते ही मैं चौंक गया. फिर उसने मेरे पीठ को थपथपाया. और कहा,  सच यह है कि हैरोल्ड तुम्हारा मुझ पर इससे कही ज्यादा बकाया है. मैं कर्ज में फंसा हूं और मैं इस ह्यूमन ट्रैफिकिंग के चुंगल बूरी तरह से फंस गया हूं.

अगले दिन मैंने देखा मेरा अकाउंट पूरी तरह से खाली हो गया. मेरी जितनी भी जमा पैसे थे सब खत्म हो गए थे. आने वाले 18  महीने में मैं और मेरी पत्नी बिना पैसे के काम कर रहे थे. हमारा शोषण वहीं खत्म नहीं हुआ. दिन पर दिन हालात और खराब हो गई. वह मेरी पत्नी के साथ सेक्सुअल एसॉल्ट करने की कोशिश करता था. वह हमे गाली देता था, हमारे बच्चे के सामने वह हमें मारता था. वह हमारे सामने हमारे बच्चे को गाली देता था. मैं इस बात से काफी परेशान था कि आखिर यह कब तक चलेगा. 

दो साल यह सब झेलने के बाद ह्यूमन टैफिक्टर पैसे देने के लिए मान गए. लेकिन हम गैर कानूनी तरीके से यूएसए में आए थे इसलिए हम उस विजा पर वहां काम नहीं कर सकते थे. वकील ने हमसे संपर्क किया और हमे लेबर डिपार्टमेंट में रखा गया. इस पूरे मामले पर जांच शुरु हुई और तब तक हमें लेबर डिपार्टमेंट में ही रखा गया. जब यह मामला शांत हुआ उसके बाद हमें फिर रेस्तरां में काम पर रख लिया गया. लेकिन ट्रैफ़िकर को यह बात अच्छी नहीं लगी.

उसने मुझे मारने के लिए हिटमैन रखा था. जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है ठीक उसी तरह मैं भी अपने हॉस्पिटल के बेड पर सोया  हुआ और मेरे ऊपर हमला करवाया गया. जब उसके हमले से मैं बच गया तो वह मुझे मारने की धमकी देने लगा. यह सब काफी दिन तक चला तब तक मेरे बड़े बेटे ने कहा कि हम उसे जवाब क्यों नहीं देते.. कब तक ये चलेगा.

उसके बाद मैंने इसके खिलाफ लड़ाई शुरु की. फिर मैंने इन सब के खिलाफ केस दर्ज किया . 6 महीने बाद मैं दोनों केस जीता गया. हम दोनों पति पत्नी को जॉब मिल गई. 2011 तक हमने पैसे जमा करके घर खरीदा. और आज के समय में मानव तस्करी को लेकर जागरूकता फैलाते हुए मैं अपनी कहानी हर जगह शेयर करता हूं. बराक ओबामा ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की एक काउंसिल का गठन किया और उसमें काउंसिल में मैं एकलौता भारतीय सदस्य हूं.

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