
इंडोनेशिया के रहने वाले गोथो का जन्म 1870 में हुआ था.
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छह दिन अस्पताल में रहने बाद घर लौटे थे 146 साल के बहा गोथो
जीवन के आखिरी दिनों में केवल ओट्स ही खाते थे
स्थानीय लोग उन्हें सोदिमेदजो के नाम से भी पुकारते
एक रिश्तेदार ने बताया, 'अस्पताल से लौटने के बाद उनकी खुराक काफी कम हो गई थी. वह केवल कुछ चम्मच भर ओट्स खाते थे. पानी भी वह बहुत कम पीने लगे थे.' गोथो की उम्र को लेकर कई संदेह भी हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि इंडोनेशिया ने जन्मों का रिकॉर्ड रखना 1900 से पहले शुरू नहीं किया था.
गोथो केंद्रीय जावा के सरागेन शहर में रहते थे. पिछले साल यहां के स्थानीय रिकॉर्ड ऑफिस के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने गोथो की उम्र की पुष्टि कर ली है. उस समय पत्रकारों से बात करते हुए गोथो ने कहा कि साल 1992 में उन्होंने मौत की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने अपनी कब्र पर लगाए जाने वाला पत्थर भी तैयार करवा लिया था. गोथो ने तब कहा था, 'अब मैं बस मरना चाहता हूं.' गोथो के 10 भाई-बहन, चार पत्नियां और बच्चे, सभी की उनके सामने मौत हुई.
सोमवार सुबह गोथो को उसी जमीन में दफनाया गया, जिसे उन्होंने कई साल पहले अपनी कब्र बनवाने के लिए खरीदा था. सूर्यांतो ने बताया, 'उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं मांगा. मरने से पहले वह चाहते थे कि हम लोग उन्हें जाने दें.' गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा समय तक जीने का रिकॉर्ड फ्रांस की एक 122 वर्षीय महिला के नाम है. 1997 में उस महिला की मौत हो गई.
अगर गोथो का दावा सही पाया जाता है, तो वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक जीने वाले शख्स बन जाएंगे. इससे पहले नाइजीरिया के एक शख्स ने दावा किया था कि उसकी उम्र 171 साल है. इथोपिया में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी आयु 163 साल बताई थी. सत्यापित कागजातों के अभाव में उनमें से किसी के भी दावे को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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