हम सभी ने कॉर्पोरेट सेट-अप में काम करते समय दबाव महसूस किया है. कुछ नौकरियों में डेडलाइन पूरा करने का बहुत अधिक दबाव होता है. बहुत से लोग ऐसा कहते सुने जाते हैं कि उन्हें नौकरी को हर चीज़ से आगे रखना पड़ता है. उन्हें कभी-कभी छुट्टी पर रहते हुए, कैब या मेट्रो में वापस आते समय काम खत्म करना पड़ता था, यात्रा करते समय मीटिंग करनी पड़ती है, ओवरटाइम, विषम घंटों और वीकेंड पर काम करना पड़ता था. एक्स पर एक हालिया पोस्ट में कुछ ऐसा ही हाल बयां किया गया.
12 घंटे की ड्यूटी
एक्स पर बात करते हुए, एक महिला ने दावा किया कि उसकी नौकरी, हर दिन उसके 12 घंटे से अधिक समय लेती है, जिससे उसे ऐसा लगता है कि उसके पास कोई ‘आत्म-प्रेम' नहीं बचा है. महिला ने लिखा, "कॉर्पोरेट सचमुच यात्रा सहित एक दिन में मेरे 12 घंटे का समय ले रहा है और मैं बस घर आकर सो जाती हूं. यह डरावना है क्योंकि यह प्रोडक्टिव लगता है लेकिन यह एक मृत कठपुतली की तरह है जिसके पास कोई शौक या आत्म-प्रेम नहीं है."
ऐसे बीतता है पूरा दिन
एक यूजर के कमेंट का जवाब देते हुए ट्वीट में, महिला ने अपने पूरे दिन का शेड्यूल बताया. उन्होंने लिखा, "मैं सुबह 6 बजे उठती हूं, तैयार होती हूं और 7:30 बजे तक ऑफिस के लिए निकल जाती हूं ताकि मैं 9:30 बजे तक पहुंच सकूं, मैं शाम को 6 बजे ऑफिस से निकल जाती हूं, कभी-कभी 6:30 बजे, कभी-कभी 7 बजे, फिर मैं घर वापस आती हूं और 9:15 बजे तक पहुंच जाती हूं, फिर मैं 9:45/10 बजे तक खाना खा लेती हूं, फिर मैं रात 11 बजे सो जाती हूं."
corporate is literally taking 12 hours of my time in a day including traveling and all I do is come home and sleep. This is scary because it looks productive but it's like being a dead puppet with no hobbies or self love.
— ish (@yourfavish) June 26, 2024
यूजर्स ने जताई सहमति
शेयर किए जाने बाद पोस्ट को 312,000 से अधिक बार देखा गया और ढेरों कमेंट्स मिले हैं. एक यूजर ने लिखा, "यह बहुत ही अजीब तरह की विषाक्तता है जो मैंने कॉर्पोरेट में देखी है. यहां तक कि जिन लोगों के शौक थे, वे भी धीरे-धीरे कॉर्पोरेट के चक्र में फंस जाते हैं और उन सभी चीज़ों से संपर्क खो देते हैं जिनसे वे जुड़े हुए थे और यह लत बन जाती है." दूसरे ने लिखा, "उफ़, मैं आपकी बात सुन रहा हूं. कॉर्पोरेट की यह भागदौड़ आपकी ज़िंदगी को खत्म कर सकती है. अपने समय और ऊर्जा को वापस पाने के तरीके खोजना ज़रूरी है. आप सिर्फ़ काम करने के नहीं, बल्कि ज़िंदा रहने के भी हकदार हैं!"
ये Video भी देखें:
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं