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यमन में नाव हादसा- 140 प्रवासियों के मरने की आशंका, अवैध रास्ते खाड़ी देश जाने की मजबूरी समझिए

Yemen migrant boat sinks: यमन के तट पर 157 लोगों को ले जा रही एक नाव डूब गई. 68 शव बरामद हुए है और केवल 12 लोगों को बचाया जा सका है. लापता सभी लोगों की मौत की आशंका है.

यमन में नाव हादसा- 140 प्रवासियों के मरने की आशंका, अवैध रास्ते खाड़ी देश जाने की मजबूरी समझिए
अदन की खाड़ी अवैध प्रवासियों के लिए खतरनाक रूट बना हुआ है
  • यमन के अबयान प्रांत के तट पर 157 प्रवासियों को ले जा रही नाव डूब गई, 68 लाशें मिली हैं, केवल 12 लोग बचाए गए.
  • अफ्रीका के प्रवासी बेहतर जीवन की तलाश में खाड़ी देशों के लिए यमन के खतरनाक तस्करी मार्ग का उपयोग करते हैं.
  • पिछले एक दशक में इस मार्ग पर 3400 से अधिक मौतें और लापता होने के मामले दर्ज किए गए हैं.
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दो जून की रोटी कमाने की जद्दोजहद कई बार मौत की वजह बन जाती है. अदन की खाड़ी से होते हुए अवैध रूप से यमन जाते अफ्रीका के कम से कम 68 प्रवासियों की एक दर्दनाक हादसे में मौत हुई है. यमन के तट पर 157 लोगों को ले जा रही एक नाव डूब गई. हादसे में मरने वाले प्रवासियों संख्या 140 के पास जा सकती है. इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) के यमन प्रमुख ने जानकारी दी है कि यह नाव यमन के दक्षिणी प्रांत अबयान में डूबा है.

अब तक 68 शव बरामद किए गए हैं. 157 में से केवल 12 लोगों को बचाया गया है और दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं. अबयान के सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी मृतक और बचाए गए लोग अफ्रीकी देश इथियोपिया के हैं. जीवित बचे लोगों को तत्काल इमरजेंसी चिकित्सा उपचार के लिए शकरा जनरल हॉस्पिटल में ट्रांसफर कर दिया गया है. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल स्टाफ की रिपोर्ट है कि बचे हुए लोगों में से कुछ की हालत लंबे समय तक समुद्री पानी में रहने और थकावट के कारण गंभीर बनी हुई है.

अब आपके मन में यह सवाल होगा कि यह हादसा कैसे हुआ. कैसे दो जून की रोटी कमाने के लिए अफ्रीका के लोग जान दांव पर लगाते हैं. अदन की खाड़ी के रास्ते यमन जाने का यह रूट बार-बार कैसे घातक साबित होता है. हम आपको यहां इस सभी सवालों का जवाब देंगे.

कैसे हुआ हादसा?

यह हादसा शनिवार रात को हुई जब 154 इथियोपियाई प्रवासियों को ले जा रही एक तस्करी करने वाली नाव यमन के अबयान प्रांत के तट पर रात 11:00 बजे (भारत में रविवार रात 1.30 बजे) के आसपास पलट गई. इसके पीछे गंभीर मौसम की स्थिति और तेज हवाओं को कारण बताया गया है. अबयान सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी लोग इथियोपियाई राष्ट्रीयता के हैं. 

ऐसा नहीं है कि यह हादसा पहली बार हुआ है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मार्च में भी 180 से अधिक प्रवासियों को ले जा रही दो नावें यमन के धुबाब जिले के तट पर डूब गईं. उनमें से केवल दो क्रू मेंबर्स को बचाया जा सका. बाकि सभी यात्री लापता हो गए और उन सबके मारे जाने की आशंका है.

नौकरी करने का सपना और मौत के रास्ता पार करने की मजबूरी

काम की तलाश में हॉर्न ऑफ अफ्रीका से खाड़ी अरब के देशों की यात्रा करने वाले प्रवासियों के लिए यमन एक प्रमुख मार्ग बना हुआ है. बेहतर अवसरों की तलाश में खाड़ी देशों की ओर जाने वाले कई हताश प्रवासियों के लिए यमन एक लोकप्रिय ट्रांसिट देश है. यानी खाड़ी देशों में जाने के लिए लोग यमन में ही उतरते हैं, लेकिन बड़ी दिक्कत यह है कि इनमें से कई प्रवासी अवैध तरीकों के आते हैं, छोटे जहाजों में बिना किसी सेफ्टी के तस्करी के रास्ते आते हैं. 

IOM का अनुमान है कि हाल के महीनों में जहाज दुर्घटना में सैकड़ों लोग मारे गए हैं या लापता हो गए हैं.

बार-बार लाल सागर और अदन की खाड़ी में होने वाली यह घटनाएं अफ्रीकी प्रवासियों द्वारा सामना किए जा रहे खतरों पर प्रकाश डालती है. वो यमन के लंबे संघर्ष और गंभीर मानवीय संकट के बावजूद इस खतरनाक रास्ते को पार करने का जोखिम उठाते रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार यमन की स्थिति को दुनिया की सबसे खराब मानवीय आपदाओं में से एक बताया है.

IOM के एक प्रवक्ता ने कहा है कि, "यह दिल दहला देने वाली घटना खतरनाक यात्रा करने वाले प्रवासियों के लिए सुरक्षा तंत्र की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है. ऐसी खतरनाक यात्राओं को अक्सर बेईमान तस्कर अंजाम देते हैं, जो इन प्रवासियों की हताशा और असुरक्षा का फायदा उठाते हैं."

बार-बार होती मौतें इन जोखिमों को सामने तो लाती हैं लेकिन इनके बावजूद बड़े पैमाने पर प्रवासी इस रास्ते से यात्रा कर रहे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अकेले 2024 में 60,000 से अधिक लोग यमन पहुंचे हैं. IOM के मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट के अनुसार पिछले एक दशक में इस रूट पर 3,400 से अधिक मौतें और लापता लोग दर्ज किए गए - इनमें से 1,400 मौतें डूबने के कारण हुईं.

पिछले साल, IOM ने लाल सागर मार्ग पर कम से कम 558 मौतें दर्ज कीं, जिनमें से 462 जहाज डूबने के कारण हुईं.

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