ईरान और इजरायल के बीच तनाव की स्थिति नियमित रूप से बढ़ती जा रही है. इसी बीच ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से शनिवार और रविवार तड़के इजरायल पर हमला किया है. ऐसे में उन्होंने पूरे इजरायल में हवाई हमलों की भी चेतावनी जारी कर दी है. इसी बीच अब इस्लामी गणतंत्र ईरान के सशस्त्र बलों ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है. अपने बयान में ईरान ने कहा है कि वो चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इजरायल के ठिकानों पर सैन्य हमला कर रहा है.
इस्लामी गणतंत्र ईरान के सशस्त्र बलों ने इज़रायल के बार-बार होने वाले सैन्य हमलों के जवाब में और चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत मान्यता प्राप्त आत्मरक्षा के अपने अंतर्निहित अधिकार का प्रयोग करते हुए, इज़रायल के सैन्य ठिकानों पर कई सैन्य हमले किए हैं. इसके कारण सीरियाई सरकार के निमंत्रण पर सीरिया में मौजूद ईरानी सैन्य सलाहकार शहीद हो गए. विशेष रूप से 1 अप्रैल को हुए सशस्र हमले के खिलाफ, जो दमिश्क में इस्लामी गणतंत्र ईरान के वाणिज्य दूतावास पर किया गया था.
ईरान इस्लामी गणराज्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जबकि बल और आक्रामकता के किसी भी गैरकानूनी उपयोग के खिलाफ अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराता है.
आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए ईरान के इस्लामी गणराज्य द्वारा रक्षात्मक उपायों का सहारा लेना क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति ईरान के जिम्मेदार दृष्टिकोण को दर्शाता है. जब फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ कब्जे वाले रंगभेद शासन के निरंतर नरसंहार अभियान के पैटर्न के साथ बार-बार सैन्य अभियान भी चल रहा है तो ऐसे में पड़ोसी राज्यों के खिलाफ आक्रामकता और पूरे क्षेत्र और उसके बाहर भी इसका असर दिखाई देने लगेगा.
ईरान इस्लामी गणराज्य सैन्य आक्रामकता या बल के गैरकानूनी उपयोग के किसी भी कार्य के खिलाफ अपने वैध हितों की रक्षा के लिए आगे आवश्यक रक्षात्मक उपाय करने में संकोच नहीं करेगा.
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