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अमेरिका के दोस्त देश क्यों गुस्से में? जानिए अब किससे भिड़ गए डोनाल्ड ट्रंप

Trump Immigration Policy And Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अब सहयोगी देश भी अमेरिका से टकराव के रास्ते पर हैं. जानिए क्यों...

अमेरिका के दोस्त देश क्यों गुस्से में? जानिए अब किससे भिड़ गए डोनाल्ड ट्रंप
Trump Immigration Policy And Tariff War: ट्रंप और पेट्रो सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को धमकियां दे रहे हैं.

Trump Immigration Policy And Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों को लेकर पहुंची डिपोर्टेशन फ्लाइट्स को स्वीकार करने से इनकार करने के जवाब में कोलंबिया से आयात पर 25 फीसदी टैक्स लगा दिया और इसे अगले सप्ताह तक 50 फीसदी तक करने की योजना है. ट्रंप के जवाब में कोलंबिया ने भी अमेरिकी सामानों पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है. कोलंबिया ऐतिहासिक रूप से लैटिन अमेरिका में वाशिंगटन के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है और उसका संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप किसी को अब बख्शने के मूड में नहीं हैं, चाहे वो दोस्त हो या दुश्मन.

क्यों बढ़ा टकराव

ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को पकड़ने और तेजी से डिपोर्ट करने के वादे के साथ पदभार संभाला है, लेकिन उन्हें लैटिन अमेरिका की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पहले वामपंथी नेता के रूप में 2022 में चुने गए पेट्रो के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. पेट्रो ने पहले एक्स पर लिखा था, "संयुक्त राज्य अमेरिका कोलंबियाई प्रवासियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकता. मैं कोलंबियाई प्रवासियों को लेकर आने वाले अमेरिकी विमानों के कोलंबिया के क्षेत्र में प्रवेश करने से मना करता हूं." ट्रंप ने भी माना कि को कोलंबिया ने दो अमेरिकी विमानों को अपने क्षेत्र में उतरने की इजाजत नहीं दी.

क्या अपने नागरिकों को नहीं लेगा

कोलंबियाई सरकार ने कहा कि वह उन प्रवासियों को "सम्मान के साथ" ले आने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना राष्ट्रपति विमान भेजने के लिए तैयार है, जिन्हें अमेरिका ने डिपोर्ट किया था और उसने अपने क्षेत्र में प्रवेश करने से मना कर दिया था. पेट्रो ने यह भी कहा कि वह निर्वासित प्रवासियों को ले जाने वाली नागरिक अमेरिकी उड़ानों को उतरने की अनुमति देने के लिए तैयार हैं, मगर शर्त ये है कि उनमें सवार लोगों के साथ "अपराधियों की तरह" व्यवहार नहीं किया जाए.

अमेरिकी नागरिकों पर घेरा

एक बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि पेट्रो ने फ्लाइट्स को अधिकृत किया था, लेकिन "जब विमान हवा में थे तो उन्होंने मना कर दिया." इस बीच, कोलंबियाई नेता ने कहा कि उनके देश में 15,600 से अधिक बिना दस्तावेज वाले अमेरिकी रह रहे हैं और उन्होंने उनसे "अपनी स्थिति को नियमित करने" का आग्रह किया है, हालांकि इन अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार करने या निर्वासित करने के लिए छापेमारी की संभावना को खारिज कर दिया. यह विवाद शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के रूप में अपनी पहली यात्रा पर रुबियो के लैटिन अमेरिका की यात्रा से कुछ दिन पहले हो रही है. हालांकि, वो कोलंबिया नहीं जा रहे हैं.

लैटिन अमेरिकी देशों के सबसे ज्यादा अवैध अप्रवासी

डिपोर्टेशन की धमकियों ने ट्रंप को लैटिन अमेरिका की सरकारों के साथ संभावित टकराव के रास्ते पर डाल दिया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के अनुमानित 11 मिलियन अवैध प्रवासी लैटिन अमेरिकी देशों के ही हैं.  ब्राज़ील का नेतृत्व भी एक वामपंथी राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है. ब्राजील ने भी शुक्रवार को अपने देश वापस भेजे गए दर्जनों ब्राज़ीलियाई प्रवासियों के साथ ट्रंप प्रशासन द्वारा किए गए व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की. जिन प्रवासियों को ट्रंप की वापसी से पहले एक द्विपक्षीय समझौते के तहत निर्वासित किया गया था, उन्हें फ्लाइट में हथकड़ी लगाकर भेजा गया था. ब्राजील ने इसे उन अप्रवासियों के बुनियादी अधिकारों की "घोर उपेक्षा" बताया था.

अन्य देश भी नाराज

88 निर्वासित प्रवासियों में से एक 31 वर्षीय कंप्यूटर तकनीशियन एडगर दा सिल्वा मौरा ने एएफपी को बताया, "विमान में उन्होंने हमें पानी नहीं दिया, हमारे हाथ और पैर बांध दिए गए, उन्होंने हमें बाथरूम तक भी जाने नहीं दिया. वहां बहुत गर्मी थी, कुछ लोग तो बेहोश हो गए." ट्रंप के कार्यालय में वापसी के बाद से कई डिपोर्टेशन फ्लाइट्स ने जनता और मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है, हालांकि, इस तरह की कार्रवाइयां पिछले प्रशासन के तहत भी आम थीं. हालांकि, पूर्व प्रथा को तोड़ते हुए, ट्रंप प्रशासन ने कुछ अवैध प्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग शुरू कर दिया है, इस सप्ताह कम से कम एक विमान ग्वाटेमाला में उतरा है. कई लैटिन अमेरिकी देशों ने अपने नागरिकों का खुले दिल से स्वागत किया है. ये अप्रवासी कई वर्षों से संयुक्त राज्य अमेरिका में रह और काम कर रहे थे.

मैक्सिको ने की खास तैयारी

मैक्सिकन सरकार ने कहा कि उसने "मेक्सिको आपको गले लगाता है" नामक एक योजना के तहत अमेरिका से डिपोर्ट हुए अपने नागरिकों के लिए नौ और निर्वासित विदेशियों के लिए तीन और आश्रय स्थल खोलने की योजना बनाई है. राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा किउनकी सरकार अन्य देशों के निर्वासित प्रवासियों को वापस भेजने से पहले उन्हें मानवीय सहायता भी प्रदान करेगी. होंडुरास एक मध्य अमेरिकी देश है और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवासियों का एक बड़ा स्रोत भी है. उसने कहा कि वह "भाई, घर आओ" नाम से एक कार्यक्रम शुरू कर रहा है, जिसमें अमेरिका से आने वाले अवैध प्रवासियों की मदद की जाएगी.

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