निकोलस मदुरो ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. यह उनका दूसरा कार्यकाल है. मदुरो ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस (टीएसजे) के प्रेजिडेंट माइकल मोरेनो को बताया कि उन्होंने वेनेजुएला के लोगों की ओर से शपथ ली है और वह देश की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता को बचाए रखने के लिए हर संभव प्रयत्न करेंगे.
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मदुरो ने कहा कि यह समारोह देश के लिए शांति की दिशा में एक कदम है.
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उन्होंने कहा, "वेनेजुएला एक लोकतांत्रिक देश है. 19 वर्षों में सभी जनरल लेवल पदों पर 25 चुनाव हुए हैं."
उन्होंने कहा कि 20 मई 2018 को अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्र के बावजूद चुनाव हुए थे.
मदुरो के शपथ ग्रहण समारोह में 94 देशों का प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ. इनमें बोलीविया के राष्ट्रपति एवो मोरोलेस, क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कनाल, निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा और अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति सल्वाडोर सांचेज केरेन शामिल हैं.
मदुरो को चुनाव में 67.84 फीसदी वोट मिले थे.
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