वाशिंगटन:
यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) के एक आयुक्त ने कहा है कि समूचे भारत में विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच धार्मिक सौहार्द है. उन्होंने यह बात अमेरिका की स्वतंत्र द्वि-दलीय इकाई के इस दावे के पूरी तरह उलट कही है कि भारत में 2016 में धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार बिगड़ी.
इकाई के दावे के पूरी तरह विपरीत यह बयान यूएससीआईआरएफ के आयुक्त तेनजिन दोरजी का है. दोरजी यूएससीआईआरएफ के पहले तिब्बती आयुक्त हैं, उन्होंने भारत को 'टियर-2' देशों की सूची में रखे जाने का विरोध किया. भारत के लिहाज़ से उनका यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है.
दोरजी ने अपने बयान में कहा, "कुल मिलाकर, मैंने भारत में विभिन्न पंथों के बीच धार्मिक सौहार्द देखा और महसूस किया है..." यह पहला मौका है, जब यूएससीआईआरएफ के किसी आयुक्त ने भारत पर इकाई के मत से भिन्न बयान जारी किया है.
उन्होंने कहा कि भारत विश्व की प्राचीन महान सभ्यताओं में से एक है, जो हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख जैसे बड़े धर्मों का जन्मस्थल है तथा विभिन्न मज़हबों के लोगों का घर है.
इकाई के दावे के पूरी तरह विपरीत यह बयान यूएससीआईआरएफ के आयुक्त तेनजिन दोरजी का है. दोरजी यूएससीआईआरएफ के पहले तिब्बती आयुक्त हैं, उन्होंने भारत को 'टियर-2' देशों की सूची में रखे जाने का विरोध किया. भारत के लिहाज़ से उनका यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है.
दोरजी ने अपने बयान में कहा, "कुल मिलाकर, मैंने भारत में विभिन्न पंथों के बीच धार्मिक सौहार्द देखा और महसूस किया है..." यह पहला मौका है, जब यूएससीआईआरएफ के किसी आयुक्त ने भारत पर इकाई के मत से भिन्न बयान जारी किया है.
उन्होंने कहा कि भारत विश्व की प्राचीन महान सभ्यताओं में से एक है, जो हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख जैसे बड़े धर्मों का जन्मस्थल है तथा विभिन्न मज़हबों के लोगों का घर है.
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