न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन निवासी महिला जिसने एक साल से अधिक समय तक संक्रामक रोग टीवी का उपचार करने या खुद को आइसोलेट करने के जज के आदेश से इनकार कर दिया था, को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया. गिरफ्तारी उसके लिए नागरिक गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के लगभग तीन महीने बाद हुई है. महिला का नाम स्वास्थ्य अधिकारियों गोपनीय रखा है और. अदालत के कागजात में उसकी पहचान वीएन के रूप की गई थी.
टैकोमा-पियर्स काउंटी स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि महिला को पियर्स काउंटी जेल ले जाया गया, जहां उसे एक कमरे में रखा जाएगा, जो आइसोलेशन, टेस्ट और ट्रीटमेंट के लिए विशेष रूप से सुसज्जित होगा.
बयान में कहा गया, "हमें उम्मीद है कि वो टीबी के इलाज के लिए जरूरी जीवनरक्षक उपचार प्राप्त करने का विकल्प चुनेगी."
इंडिपेंडेंट के अनुसार, टीबी से पीड़ित होने का पता चलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शुरू में जनवरी 2022 में महिला को आइसोलेट करने का आदेश दिया. अधिकारियों ने उसके परिवार और समुदाय के सदस्यों के साथ एक वर्ष से अधिक समय तक उसे इलाज कराने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उसने इलाज कराने से इनकार कर दिया. ऐसे में मार्च, 23 में, काउंटी को उसे जबरन हिरासत में लेने के लिए नागरिक गिरफ्तारी वारंट दिया गया था.
विभाग ने कहा कि बीते 20 सालों में ये तीसरी बार है संक्रामक रोगी को हिरासत में लेने के लिए अदालत के आदेश की आवश्यकता पड़ी जिसने उपचार देखने से इनकार कर दिया था.
वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि महिला ने आइसोलेशन में रहने या इलाज कराने से इनकार क्यों किया. हालांकि, उसकी वकील सारा टोफलेमायर ने फाइलिंग में दावा किया कि एनबीसी न्यूज के अनुसार, महिला ने इलाज से इनकार कर दिया क्योंकि वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है.
यह भी पढ़ें -
-- जादू के करतब दिखाकर पैसा जुटाएंगे लेकिन जोधपुर की जनता को निराश नहीं होने देंगे : CM गहलोत
-- Odisha Train Accident: अनुराग ठाकुर ने विपक्ष से कहा- क्या इस दुख की घड़ी में भी राजनीति करेंगे?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं