
Quick Take
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पिछले दिनों सीरिया में रासायनिक हमला हुआ था
इसके लिए सीरियाई सरकार पर आरोप लगाए जा रहे थे
इस हमले को उसका जवाब माना जा रहा है
हालांकि ट्रंप सरकार के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका ने अपनी सीरिया के संबंध में रणनीति बदलने का संकेत दिया था लेकिन रासायनिक हमले के बाद उसको फिर से ओबामा दौर की रणनीति पर लौटते हुए देखा जा रहा है. सीरियाई एयरबेस पर हमले को उसी का परिणाम माना जा रहा है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में ही कहा था कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार जमीनी हकीकत है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि असद सरकार को हटाने की रणनीति से अमेरिका पीछे हट सकता है लेकिन रासायनिक हमलों के बाद ट्रंप ने कहा कि इस घटना ने उनको फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है. संभवतया यह इसी बात का नतीजा है कि अमेरिका ने इस तरह का सीधा हमला सीरियाई सैन्य ठिकानों पर किया है. ओबामा दौर में अमेरिका, असद सरकार के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों का समर्थक माना जाता रहा है.
उल्लेखनीय है कि पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलिब प्रांत में मंगलवार को हुए भीषण रासायनिक हमले में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. इसके अलावा 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं. सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) ने बताया कि हमला इदलिब प्रांत के खान शयखुन कस्बे में हुआ. यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमले के लिए इस्तेमाल किए गए विमान सीरियाई थे या सरकार के सहयोगी रूस के? इस संबंध में एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया था कि क्लोरीन गैस वाले चार थर्मोबेरिक बम गिराए गए. संयुक्त राष्ट्र ने औपचारिक तौर पर इस भीषण रासायनिक हमले की जांच शुरू कर दी है. दुनिया भर के नेताओं ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है.
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