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भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता करवाया, अब इजरायल-ईरान के संघर्ष को भी खत्‍म करवा सकता हूं- डोनाल्‍ड ट्रंप 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने रविवार को ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि वह इजरायल और ईरान के बीच शांति ला सकते हैं.

वॉशिंगटन:

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा है कि जिस तरह से उन्‍होंने भारत और पाकिस्‍तान के बीच शांति कायम करने में मदद की है, ठीक उसी तरह से अब वह इजरायल और ईरान के बीच सबकुछ ठीक करने वाले हैं. ईरान पर इजरायल के बीच जारी हवाई हमलों के तीसरे दिन और क्षेत्र के बड़े स्‍तर पर संघर्ष की कगार पर पहुंचने के बीच, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने रविवार को ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि वह इजरायल और ईरान के बीच शांति ला सकते हैं जैसा कि उन्होंने बाकी ऐतिहासिक दुश्‍मनों के बीच किया है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के अपने पिछले प्रयासों का भी हवाला दिया. 

'मेरे कहने पर करेंगे समझौता' 

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, 'ईरान और इजरायल को एक समझौता करना चाहिए और वे एक समझौता करेंगे. ठीक वैसे ही जैसे मैंने भारत और पाकिस्तान को करने के लिए कहा, उस मामले में अमेरिका के साथ ट्रेड का प्रयोग करके दो उत्कृष्ट नेताओं के साथ बातचीत में तर्क, सामंजस्य और विवेक लाना होगा जो जल्दी से निर्णय लेने और रोकने में सक्षम थे!'  मीडिल ईस्‍ट में लड़ाई जारी रहने के बीच ट्रंप ने कहा कि वह पर्दे के पीछे फोन कॉल और मीटिंग्‍स कर रहे है. उन्होंने कहा, 'इसी तरह, हम जल्द ही इजरायल और ईरान के बीच शांति स्थापित करेंगे. इस समय कई कॉल और मीटिंग्‍स हो रही हैं.' 

'मैंने करवाई सर्बिया और कोसोवो में शांति'  

राष्‍ट्रपति ट्रंप ने बाकी अंतरराष्‍ट्रीय संघर्षों का भी जिक्र किया और इनमें उन्होंने हस्तक्षेप करने का दावा किया. उन्‍होंने लिखा, 'मेरे पहले कार्यकाल के दौरान सर्बिया और कोसोवो में कई दशकों से चल रहा संघर्ष बहुत भारी था और यह लंबे समय से चल रहा संघर्ष युद्ध में बदलने के लिए तैयार था. मैंने इसे रोका.' इसके साथ ही उन्होंने पूर्व राष्‍ट्रपति जो बाइडेन पर कुछ बहुत ही मूर्खतापूर्ण निर्णयों के साथ लंबी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. 

मिस्र और इथियोपिया के बीच भी... 

उन्होंने नील नदी बांध को लेकर मिस्र और इथियोपिया के बीच तनाव का भी हवाला दिया. ट्रंप ने कहा, 'मेरे हस्तक्षेप की वजह से कम से कम अभी तो शांति है और यह इसी तरह बनी रहेगी.' इजरायल के हवाई हमलों में इजाफे और ईरान और इजरायल में बढ़ती हताहतों के बावजूद, ट्रंप ने कहा कि शांति अभी भी संभव है. ट्रंप ने आगे लिखा, 'मैं बहुत कुछ करता हूं और कभी किसी चीज का श्रेय नहीं लेता लेकिन यह ठीक है, लोग समझते हैं. मीडिल ईस्‍ट को फिर से महान बनाएंगे.' 

तीसरे दिन भी जारी रहे हमले 

इजरायल ने रविवार को तीसरे दिन भी ईरान में हवाई हमले किए और इससे भी अधिक ताकतवर हमले की धमकी दी. कुछ ईरानी मिसाइलों ने इजराइली हवाई सुरक्षा को चकमा देकर देश के मध्य में इमारतों पर हमला किया. इससे पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर आयोजित एक वार्ता होने वाली थी, उसे कैंसिल कर दिया गया है. वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, जो लंबे समय से देश पर नजर रखते हैं, उनके अनुसार, इजरायल के हमलों में ईरान में कम से कम 406 लोग मारे गए हैं और 654 अन्य घायल हुए हैं. ईरान की सरकार ने कुल हताहतों के आंकड़े पेश नहीं किए हैं. 

ईरान के मशहद एयरपोर्ट पर हमला 

इजरायल ने इस बात की पुष्टि की है कि उसने पूर्वोत्तर ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर हवाई हमला किया है. इसमें एक मिलिट्री रि-फ्यूलिंग एयरक्राफ्ट को निशाना निशाना बनाया गया है. इस एयरक्राफ्ट को इजरायली सेना ने 'ऑपरेशन की शुरुआत के बाद से किया गया सबसे लंबी दूरी का हमला' बताया है. इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा, 'थोड़ी देर पहले, आईएएफ (इजरायली वायु सेना) ने पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईरानी हवाई ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया जो इजरायल से करीब 2,300 किलोमीटर दूर है.'  हमले के बाद हवाई अड्डे पर बड़ी आग देखी गई. ईरान की मीडिया ने भी मशहद में ब्‍लास्‍ट्स की पुष्टि की है. 

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