- अमेरिका ने पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी और सपोर्ट की बिक्री की मंजूरी दी है
- इस बिक्री से अमेरिका को पाकिस्तान से 686 मिलियन डॉलर मिलेंगे, जो भारतीय मुद्रा में 6000 करोड़ से अधिक है
- अमेरिका का उद्देश्य पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग देना और सैन्य अभियानों में तालमेल बढ़ाना है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान और वहां के आर्मी चीफ आसिम मुनीर पर दिल लुटाए बैठे हैं. जो पाकिस्तान आतंकवाद की फसल बोता और काटता है, उसे अमेरिका अब अपने F-16 फाइटर जेट के सीक्रेट बेचने को तैयार हो गया है. अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने 8 दिसंबर को अमेरिकी कांग्रेस को एक लेटर भेजा था. इसके अनुसार, अमेरिका ने पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी और उसके सपोर्ट की बिक्री को मंजूरी दे दी है. अमेरिका को इसके बदले पाकिस्तान से 686 मिलियन डॉलर मिलेंगे. भारत की करेंसी में यह रकम 6000 करोड़ से अधिक की होती है.
पाकिस्तान को अपने करीब ही रखना चाहते हैं ट्रंप, लेटर में खुलासा
कांग्रेस को भेजे गए इस लेटर में साफ-साफ यह भी बताया गया है कि अमेरिका ऐसा क्यों कर रहा है. इसमें कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पाकिस्तान अपने आतंकवाद विरोधी प्रयासों को तेज कर सके. और भविष्य में किसी सैन्य अभियानों की तैयारी में पाकिस्तान अमेरिका और उसके साझेदार बलों के साथ तालमेल बैठा कर काम कर पाए. इस तरह अमेरिका अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को ही मजबूत कर रहा है.
इस बिक्री का उद्देश्य पाकिस्तान के F-16 बेड़े को आधुनिक बनाना और उसके ऑपरेशन से जुडे़ सुरक्षा चिंताओं को दूर करना भी है. लेटर में कहा गया है कि अमेरिका "अपने ब्लॉक-52 और मिड लाइफ अपग्रेड एफ-16 बेड़े को अपडेट और रिन्यू करके वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिए पाकिस्तान की क्षमता को बनाए रखेगा."
लेटर में कहा गया है कि ये अपडेट युद्ध संचालन, अभ्यास और ट्रेनिंग में पाकिस्तान वायु सेना और अमेरिकी वायु सेना के बीच अधिक सहज एकीकरण और तालमेल बैठाने की क्षमता देंगे. साथ ही यह उड़ान से जुड़े सुरक्षा चिंताओं को दूर करते हुए फाइटर जेट के जीवन को 2040 तक का विस्तार करेगा.
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