- डोनाल्ड ट्रंप ने शिकागो, लॉस एंजिल्स और पोर्टलैंड से नेशनल गार्ड सैनिकों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है
- अमेरिकी राष्ट्रपति ने अवैध इमीग्रेशन और अपराध नियंत्रण के लिए सेना तैनाती का आदेश दिया था, जिसका विरोध था.
- सुप्रीम कोर्ट ने शिकागो में सेना तैनाती पर रोक लगाई थी, जिससे ट्रंप प्रशासन को कानूनी झटका लगा था.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के कुछ शहरों में सैन्य तैनाती को लेकर कई कानूनी झटकों के बाद शिकागो, लॉस एंजिल्स और पोर्टलैंड से नेशनल गार्ड सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान किया है. रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में अवैध इमीग्रेशन और अपराध पर लगाम लगाने के उद्देश्य से डेमोक्रेट शासित इन तीन शहरों में सेना भेजी थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम को स्थानीय नेताओं ने निरंकुशतापूर्ण अतिक्रमण बताया था और इसकी जमकर आलोचना की थी. साथ ही इस कदम के खिलाफ कई कानूनी चुनौतियां पेश कीं थीं. पिछले सप्ताह अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने शिकागो में सैन्य तैनाती पर रोक लगा दी थी.
ट्रंप का अपराध में कमी आने का दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, “हम शिकागो, लॉस एंजिल्स और पोर्टलैंड से नेशनल गार्ड को हटा रहे हैं, इन महान देशभक्तों की मौजूदगी से अपराध में काफी कमी आई है और सिर्फ इसी वजह से.”
ट्रंप ने कहा कि अगर संघीय सरकार ने हस्तक्षेप न किया होता तो ये तीनों शहर “पूरी तरह से बर्बाद हो चुके होते”.
साथ ही ट्रंप ने कहा, “जब अपराध फिर से बढ़ने लगेगा, तब हम वापस आएंगे, शायद बिलकुल एक अलग और मजबूत रूप में बस समय की बात है”.
अनुमति देने से कोर्ट ने किया था इनकार
दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को शिकागो क्षेत्र में इमीग्रेशन पर लगाम कसने के तहत नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. यह आदेश अंतिम फैसला नहीं था, लेकिन राष्ट्रपति के लिए एक बड़ा और दुर्लभ झटका था.
देश की राजधानी में डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के अटॉर्नी जनरल ब्रायन श्वाब ने 2,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती रोकने के लिए मुकदमा दायर किया.
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