अमेरिका की एक मीडिया समिति ने दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आईटी के छापों की निंदा की

‘दैनिक भास्कर’ और ‘भारत समाचार’ देश में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर सरकार की काफी आलोचना करते रहे हैं और वैश्विक महामारी के दौरान लोगों की परेशानियों तथा अधिकारियों की विफलता को लेकर कई खबरें की हैं. देशभर में इन छापेमारी की आलोचना की जा रही है.

अमेरिका की एक मीडिया समिति ने दैनिक भास्कर और  भारत समाचार पर आईटी के छापों की निंदा की

दैनिक भास्कर समूह परआईटी की रेड

वाशिंगटन:

अमेरिका स्थित एक मीडिया समिति ने भारत के मशहूर मीडिया समूह ‘दैनिक भास्कर' और टीवी चैनल ‘भारत समाचार' के परिसरों पर आयकर के छापे की निंदा की और कहा कि भारत को सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया घरानों को ‘‘डराने'' के लिए ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.  ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' (सीपीजे) ने कहा कि भारत को प्रेस की स्वतंत्रता की अपनी लंबी परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहिए और ‘‘पत्रकारों को सार्वजनिक हित के मामलों पर स्वतंत्र रूप से खबरें देने की अनुमति देनी चाहिए.'' गौरतलब है कि आयकर विभाग ने कथित कर चोरी के मामले कई राज्यों में ‘दैनिक भास्कर' और ‘भारत समाचार' के परिसरों पर छापेमारी की है.

दैनिक भास्कर की 12 राज्यों में पकड़ है और समाचार पत्र के अलावा वह अपना रेडियो स्टेशन, वेब पोर्टल चलाता है और उसका मोबाइल ऐप भी है. उसके परिसरों पर बृहस्पतिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे छापेमारी की गई, जो देर शाम तक जारी रही. विभिन्न राज्यों में 30 स्थानों पर छापेमारी की गई. वहीं, ‘भारत समाचार' और उसके प्रवर्तकों, कर्मचारियों के परिसरों पर उत्तर प्रदेश में छापे मारे गए.

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सीपीजे के एशिया कार्यक्रमों के समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, ‘‘दैनिक भास्कर और भारत समाचार के परिसरों पर आयकर विभाग के छापों का इस्तेमाल... भारत सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया घरानों को डराने-धमकाने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई स्पष्ट रूप से एक घटिया रणनीति है और इसे रोके जाने की आवश्यकता है.''

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को प्रेस की स्वतंत्रता की अपनी लंबी परंपरा को पुनर्जीवित करना चाहिए, इन जांचों को बंद करना चाहिए और पत्रकारों को सार्वजनिक हित के मामलों पर स्वतंत्र रूप से खबरें देने की अनुमति देनी चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अधिकारियों को तुरंत मीडिया समूह दैनिक भास्कर के कार्यालयों और उसके प्रबंध निदेशक के घर पर कब्जा छोड़ना चाहिए और ‘दैनिक भास्कर' तथा ‘भारत समाचार' के कर्मचारियों को परेशान करना बंद कर देना चाहिए.''

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गौरतलब है कि ‘दैनिक भास्कर' और ‘भारत समाचार' देश में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर सरकार की काफी आलोचना करते रहे हैं और वैश्विक महामारी के दौरान लोगों की परेशानियों तथा अधिकारियों की विफलता को लेकर कई खबरें की हैं. देशभर में इन छापेमारी की आलोचना की जा रही है। हालांकि, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आयकर विभाग की कार्रवाई में सरकार का कोई हाथ नहीं होने की बात कही है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)