विज्ञापन
This Article is From Jul 09, 2016

H1-B वीज़ा रिफॉर्म एक्ट : अमेरिका में नौकरी मिलने की आस पर यह बिल फेर सकता है पानी...

H1-B वीज़ा रिफॉर्म एक्ट : अमेरिका में नौकरी मिलने की आस पर यह बिल फेर सकता है पानी...
वॉशिंगटन: दो अमेरिकी सांसदों के द्विदलीय समूह अमेरिका के निचले सदन में एक बिल लेकर आया है जिसे अगर पास कर दिया गया तो भारतीय कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। यानि अगर यह बिल पास होता है तो भारतीय कंपनियां आईटी पेशेवरों को एच-1बी और एल1 वर्क वीज़ा के तहत नौकरी नहीं दे पाएंगीं। गौरतलब है कि अमेरिका स्थित बड़ी भारतीय आईटी कंपनियों की आय का ढांचा काफी हद तक अमेरिका में एच-1बी और एल1 वीज़ा पर निर्भर रहता है। यही वजह है कि यह बिल उनके व्यवसाय पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

ज्यादा कर्मचारी एच-1बी और एल1 वीज़ा धारक
इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि एच-1बी और एल1 वीज़ा रिफोर्म एक्ट 2016 के लाए जाने से 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनियां उन लोगों को नौकरी नहीं दे पाएंगी जो एच-1बी वीज़ा पर अमेरिका काम करने आते हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर भारतीय कंपनियों में पचास प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी एच-1बी और एल1 वीज़ा धारक हैं। गौरतलब है कि इस बिल को लाने वाले प्रायोजक उन अमेरिकी राज्यों से हैं जहां सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिकी रहते हैं। सांसद बिल पासरेल का कहना है कि 'अमेरिका में ऊंची डिग्री वाले कई हाई-टेक पेशेवर तैयार हो रहे हैं लेकिन उनके पास नौकरियां नहीं हैं। विदेशी कर्मचारियों से काम करवा कर कई कंपनियां वीज़ा प्रोग्राम का दुरुपयोग कर रही है और अपने फायदे के लिए हमारे वर्कफोर्स की कटौती कर रही हैं।'

क्या है एच-1बी वीज़ा
अमेरिका का एच-1बी वीज़ा के तहत अमेरिका कंपनियां उन विदेशी कर्मचारियों को काम के लिए बुला सकती हैं जिन किसी तरह की तकनीकी विशेषज्ञता हासिल है। इस वीज़ा के तहत एक अमेरिकी कंपनी विदेशी कर्मचारी को छह साल तक के लिए नौकरी पर रख सकता है। अमेरिका के ग्रीन कार्ड हासिल करने की तुलना में यह वीज़ा जल्दी ही हासिल किया जा सकता है और यही वजह है कि ज्यादातर भारतीय कंपनियां अपने स्टाफ को लंबे वक्त के लिए इस वर्क वीज़ा के तहत अमेरिका बुला लेती है। कई भारतीय कंपनियों में काम करने वाले आईटी  पेशेवर इसी वीज़ा पर अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं और इस बिल के आने से इस तरह नौकरी पर रखा जाना मुश्किल हो सकता है।

सांसदों का कहना है कि इस एक्ट के आने से वीज़ा प्रोग्राम की कमियां दूर की जा सकेंगी, साथ ही इससे धोखाधड़ी के मामले भी कम होंगे, अमेरिकी कर्मचारियों के साथ वीज़ा धारकों के लिए भी काफी सुरक्षा मिलेगी, विदेशियों को नौकरियों देने के मामले में पारदर्शिता होगी और कानून का उल्लंघन करने वालों को उपयुक्त सज़ा भी मिलेगी।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
अमेरिकी संसद, अमेरिका में भारतीय कंपनियां, एच1बी वीजा, एल1 वीजा, आईटी कंपनियां, House Of Representatives, Indian Companies In US, H1 B, L1 Visa, IT Companies
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com