
हर किसी के जीवन में माता-पिता का स्थान सबसे पहले होता है. क्योंकि यही एक रिश्ता ऐसा होता है जो जन्म से लेकर पूरा जीवन हमसे जुड़ा रहता है. बेटा हो या बेटी, किसी के लिए भी माता-पिता के जाने के दुख से बड़ा दुख और कुछ नहीं होता. ऐसी परिस्थिति में अगर उनकी कंपनी या दफ्तर उनके साथ न खड़े हों, तो इससे इंसानियत पर सवाल खड़ा हो जाता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में, जहां यूजर ने अपनी कंपनी के बारे कुछ ऐसी ही हैरान करने वाली बातें बताईं हैं. जिससे लोग कंपनी वालों के ऊपर काफी भड़के हुए हैं.
अपने रेडिट पोस्ट में यूजर ने बताया कि उसके पापा का 1 हफ्ते पहले ही निधन हुआ था. जिसके लिए उसने 5 दिन की छुट्टी ली थी. लेकिन, अब कंपनी वाले Indirectly उससे ऑफिस आने को कह रहे हैं. जिससे वह अब सोचने पर मजबूर हो गया है. क्योंकि वह इस समय अपने पिता के अंतिम संस्कार से जुड़े रीति-रिवाजों को करने में लगा हुआ है. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद तो लोग भी शख्स के सपोर्ट में आ गए.
पापा का एक हफ्ते पहले निधन हो गया
यूजर ने अपने पोस्ट में लिखा- मेरे पापा का एक हफ्ते पहले निधन हो गया. मैंने 5 दिन की छुट्टी ली और एक हफ्ते का WFH लिया, क्योंकि पिता जी पहले से ही अस्पताल में भर्ती थे. फिलहाल, मैं उनके अंतिम संस्कार से जुड़े क्रिया-कर्म कर रहा हूं. यूजर ने आगे बताया कि वह एक सर्विस बेस्ड IT कंपनी में काम करता है. यूजर ने आगे लिखा कि एक नए प्रोजेक्ट के लिए, मैं क्लाइंट के लोकेशन पर 2 महीने से हाइब्रिड मोड में काम कर रहा था. मैंने क्लाइंट मैनेजर से एक और महीने के लिए WFH मांगा, क्योंकि मेरी मां घर पर अकेली हैं. लेकिन, ऑफिस से जवाब आया कि, धर्म-कर्म निपटा लो और आगे बढ़ने का प्लान बनाओ. मतलब 'ऑफिस वापस आ जाओ'.
मैंने फोन करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, मैंने अपनी पेरोल कंपनी के मैनेजर को पहले ही बता दिया था. लेकिन, वह कभी भरोसे के लायक नहीं था. उसने कहा था कि वह क्लाइंट मैनेजर से बात करेगा. मगर अब वह अपनी बात से पलट रहा है. मुझसे कह रहा है कि मैं खुद क्लाइंट मैनेजर से बात करूं. यूजर आगे बताता है कि, क्या माता-पिता के निधन के 3 दिन बाद ही लोगों का वापिस आ जाना नॉर्मल है? क्या मुझे अपने दुख और परिवार व रिश्तेदारों के सवालों के बावजूद उनके साथ ही रहना चाहिए? ऐसे में मुझे वीकेंड पर 2 दिन के लिए घर आकर वापस जाना होगा. बहुत ज्यादा काम भी होगा.
WFH request denied for my father's demise
byu/boombaa0 inIndianWorkplace
या फिर दोनों मैनेजरों को ईमेल भेजकर यह कहने जैसा कठोर कदम उठाए कि, मैं इस तारीख तक घर से काम करूंगा. r/IndianWorkplace के रेडिट पेज पर @boombaa0 नाम के यूजर ने ये पोस्ट शेयर की है, जिसके कैप्शन में लिखा है., मेरे पापा के निधन पर भी WFH मना कर दिया गया. इस पोस्ट को अबतक 300 से ज्यादा अप्स और 80 से ज्यादा कमेंट मिल चुके हैं.
यूजर ने लिखा- उनसे पूछ क्यों रहे हो?
शख्स की पोस्ट पढ़ने के बाद यूजर्स भी काफी भड़के हुए हैं. एक यूजर ने लिखा- उनसे पूछ क्यों रहे हो? बस बता दो. अगर फिर भी दिक्कत हो तो चले जाओ. दूसरे यूजर ने लिखा- छुट्टी ले लो, चाहे जितने दिन की तुम्हें जरूरत हो. अगर किसी भी वजह से वे तुम्हें नौकरी से निकाल देते हैं या कुछ भी करते हैं, तो कृपया जान लें कि हम (मॉड टीम) तुम्हारी मदद के लिए मौजूद हैं.
मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगा कि आपका रिज्यूमे सबरेडिट पर, हमारे डिस्कॉर्ड सर्वर लिंक और मेरे एचआर पेशेवरों के नेटवर्क पर आवश्यक रूप से दिखाई दे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपको नौकरी मिल जाए और आपको पैसों की चिंता न करनी पड़े. मैं आपकी की मदद के लिए यहां हूं.
भारत में शोक कानून नहीं है, कानूनी रूप से लागू नहीं है. यह शर्म की बात है, जबकि हमारी अधिकांश संस्कृतियों में मृत्यु से जुड़े विस्तृत रीति-रिवाज हैं. सभी फर्मों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे दिल से दयालु हों. आपके साथ 48 हज़ार से ज़्यादा सदस्य हैं, जिनमें हम (मॉड टीम) भी शामिल हैं.
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