वाशिंगटन:
अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने अमेरिकी कांग्रेस को बताया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य निशाना अभी भी भारत ही है, लेकिन उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूरोप और व्यापक एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव जमा लिया है। अमेरिकी-प्रशांत कमान के कमांडर, एडमिरल रॉबर्ट विलार्ड ने कहा, ऐतिहासिक रूप से इसकी नजर कश्मीर क्षेत्र पर रहा है, खास तौर से भारत के अंदर हमले करने के संदर्भ में और यह मुम्बई हमले (26/11) के लिए जिम्मेदार रहा है। विलार्ड ने सीनेट की आर्म्ड सर्विसिस कमेटी को बताया, निर्विवाद रूप से लश्कर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रभाव जमा लिया है, और यह अब ज्यादा दिनों तक सिर्फ एशिया और भारत तक सीमित नहीं रहने वाला है, यद्यपि यह क्षेत्र उसका मुख्य प्रशिक्षण स्थल और भारत मुख्य निशाना बना रहेगा। विलार्ड ने कहा कि नवम्बर, 2008 के मुम्बई हमले के आरोपी लश्कर ने न केवल नेपाल व बांग्लादेश सहित दक्षिण एशियाई देशों में अपनी जड़ें जमा ली है, बल्कि अमेरिका के पास यूरोप और एशिया प्रशांत में भी लश्कर की उपस्थिति के सबूत हैं। विलार्ड ने कहा कि अमेरिका, लश्कर पर नकेल लगाने के लिए नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव व भारत सहित सभी दक्षिण एशियाई देशों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है, क्योंकि हम जानते हैं कि लश्कर मौजूदा समय में पूरे दक्षिण एशिया में फैला हुआ है। विलार्ड ने कहा कि क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका भारत के साथ अपनी साझेदारी पर खास जोर दे रहा है।
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